संस्कृति

एक्सक्लूसिवः ‘गगवाड़स्यूं महोत्सव’ एक गौरवमयी सफर का दुख:द ‘यू टर्न’

रमेश नेगी सिंगोरी ब्यूरोः करीब तेरह साल पहले गगवाड़स्यूं घाटी में जब लोगों ने शहर की तरह होने वाले…

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कभी बेजुबानों के रक्त से लाल होती थी मुंडनेश्वर की धरती, आज सात्विकता का है उल्लास

एक समय में पशुबलि के लिए कुख्यात मंुडनेश्वर मेले की तासीर अब पूरी तरह से बदल गई है। यहां…

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अद्भुत: यहां पारंपरिक ढोल व रणसिंघे की असंख्य गर्जनाओं के साथ निकलती है ‘अंतिम यात्रा’

“विचित्र किंतु सत्य”“मृत्यु यात्रा के साथ नृत्य”आपने आजतक किसी शवयात्रा/मृत्युयात्रा को पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल नगाड़ों की थाप के…

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जयकारों के साथ दर्शनों को खुले ‘भगवान केदारनाथ’ के कपाट

जयकारों के साथ दर्शनों को खुले भगवान केदारनाथ के कपाट सिंगोरी न्यूजः पौराणिक रीति रिवाज, मंत्रोच्चार के साथ आज…

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अनूठी परंपराः यहां तितलियों की पहली पसंद है ‘रेशमी रूमाल’

अनूठी परंपराः दादु भै पोतली द्यखीनि, लेंद मिन रेशमी रूमाल द सिंगोरी ब्यूरोः पौड़ी जनपद के खिर्सू ब्लाक के…

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