हमारे ऋषि मुनियों ने प्राचीन समय से ही जीवन जीने के मंत्र दिए: तिवारी

देहरादून। राष्ट्रीय जनसपंर्क दिवस के अवसर पर पीआरएसआई देहरादून चैप्टर द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विषय जी 20 मे जनसंपर्क की भूमिका रखा गया था।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वैश्विक परिपेक्ष्य में विश्व को दिशा देने का काम किया है। हमारी वसुधैव कुटुंब की परम्परा रही है। हमारे पारंपरिक जीवन मूल्य हमें सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की शिक्षा देते हैं। पर्यावरण संरक्षण की बात भी प्रमुखता से भारतीय विचारों में हैं। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों ने प्राचीन समय से ही जीवन जीने के मंत्र दिए है। हम लोग समय के साथ अपने मूल्यों को छोड़ते जा रहे है। हमे अपने मूल्यों का संरक्षण करना जरूरी है, तभी हम विश्व को दिशा देने का काम कर सकते है। राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पर जनसंपर्क क्षेत्र से जुड़े सभी लोगो को प्रयास करना होगा कि हम उत्तराखंड की छवि को देश दुनिया के समक्ष रख सके। उन्होंने कहा कि जी 20 सम्मेंलन की मेजबानी भारत को मिली है, जिसकी उत्तराखंड में 1 बैठक हो चुकी है जबकि और बैठक उत्तराखंड में होनी है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क का राज्य सरकार की नीतियों एवं योजनाओं में महत्त्वपूर्ण योगदान है।

महानिदेशक यूकोस्ट प्रो. दुर्गेश पन्त ने कहा कि जी.20 की मेजबानी से भारत को दुनिया मे अलग पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि जी 20 सम्मेलन में हिमालयी सरोकार की बात कहने का भी मौका हमे मिला है। उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में जी 20 सम्मेलन महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. महेश कुड़ियाल, समाजसेवी अनूप नौटियाल, अपर निदेशक आशीष त्रिपाठी ने भी विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम में पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष अमित पोखरियाल, उपाध्यक्ष ए. एन. त्रिपाठी, सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चंद्र भट्ट, सदस्य सुधाकर भट्ट, वैभव गोयल, आकाश शर्मा, अमित धस्माना, ज्योति नेगी, संजय भार्गव, बिमल डबराल, आशीष पन्त आदि उपस्थित रहे।

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