तीन वर्षी में छात्र टनल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ बन सकते है

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना में टनल प्रधौगिकी के व्यापक उपयोग को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ० आशीष चौहान ने इसे अवसर में बदलने का निर्णय लिया है। अवसर को धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने जिला सूचना विज्ञान केंद्र में तकनीकी शिक्षण संस्थानों के संस्थान प्रमुखों/एचओडी की एक महत्वपूर्ण बैठक ली।
टनल इंजीनियरिंग को रोजगार का जरिया बनाने के लिए सोमवर को तकनीकी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के साथ आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने संस्थान प्रमुखों को रेलवे के साथ समन्वय बनाते हुए एक माह के एक्सपोज़र ट्रेनिंग/क्रेश कोर्स/ट्रेनिंग की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि तकनीकी छात्रों के लिए टनल इंजीनियरिंग क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। कहा कि भविष्य में अधिकांश इंफ्रास्ट्रक्टर यथा, पार्किंग, बंकर, रेलवे, रोडवेज आदि टनल के रूप में विकसित किये जाने की संभावनाएं व्याप्त है। जिस हेतु टनल प्रधौगिकी की विशेषज्ञता रखने वाले छात्रों को रोजगार के व्यापक अवसर मिलने की संभावना है। जिलाधिकारी ने कहा कि रेलवे यदि पूरी दक्षता के साथ कार्य करता है तो यह परियोजना 03 वर्ष बाद 2025 में पूरी होगी। इन्ही तीन वर्षी में सैकड़ो छात्र टनल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ बन सकते है। कहा कि प्रदेश सहित देश मे टनल इंजीनियर नॉमिनल है जिस कारण अन्य देशों के विषय विशेषज्ञों की मदत लेनी पड़ती है साथ ही भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए इसे अवसर में बदलने के लिए तकनीकी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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