अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाभ्यास

हरिद्वार: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ फेज-2 हरिद्वार के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में योगाभ्यास किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
योगाभ्यास के बाद अपने संबोधन में सभी को योग दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामना देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के एक दृढ़ संकल्प से प्रारंभ हुई ये यात्रा आज आप सभी के समर्पण और दृढ़ता के कारण इस गंतव्य तक पहुंच सकी है।
सनातन संस्कृति का उल्लेख करते हुये श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ है और यही हमारे देश की 140 करोड़ जनता का मूल संस्कार भी है, जो सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार का रूप मानता है। इसी सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ’’वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’’ तय की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षड्यंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में से एक योग भी है। इसी वजह से योग आज दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है जो विश्व को भारतीय संस्कृति के साथ और अधिक प्रगाढ़ता से जोड़ने का काम कर रहा है।
भारत की संत परंपरा हमेशा से ही ’’देश प्रथम’ की परिकल्पना को साकार करने का माध्यम रही है और पंतजलि योगपीठ की स्थापना भी इसी उद्देश्य के लिए हुई है। योगगुरू स्वामी रामदेव जी ने भारत को पुनः विश्वगुरू बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय चेतना को जगाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और महान योग साधक श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत एवं भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान और स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है तथा भारत विश्व गुरू के पद पर पुनः आरूढ़ होने के लिए तैयार हो रहा है । अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस इसका एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज सायंकाल अमेरिका में योग दिवस में शामिल होंगे। उन्हीं के आव्हान पर आज विश्व के लगभग सभी देश ’’अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’’ मना रहे हैं तथा चित्त वृत्ति निरोध योगः के माध्यम से हमारे जीवन में जो कमी है, उसे दूर करते हुये सम्पूर्णता की ओर ले जाने का मार्ग दिखाया है।

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