जनसहभागिता के माध्यम से वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम संचालित किये जायेगे

‘‘जल संरक्षण एवं जल धाराओं का पुनर्जीवन‘‘ की थीम पर मनाया जायेगा हरेला पर्व।

‘‘16 जुलाई से 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा वृहद वृक्षारोपण अभियान‘‘

सूचना/पौड़ी/12 जुलाई, 2023ः प्रत्येक वर्ष 16 जुलाई को हरेला पर्व के तहत वृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान संचालित किया जाता है। जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने हरेला पर्व मनाये जाने के संबंध में समस्त कार्यालयाध्यक्षों/विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि जनपद में व्यापक राजकीय प्रयासों एवं जनसहभागिता के माध्यम से वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम संचालित किये जायेगे।
शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के क्रम में इस वर्ष हरेला पर्व ‘‘जल संरक्षण एवं जल धाराओं का पुनर्जीवन‘‘ की थीम पर मनाया जायेगा। जनपद में बनाई गई जनपद स्तरीय समिति द्वारा किसी एक जलधारा को जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन हेतु चिन्हित किया जायेगा, जिसके लिए आवश्यक उपायों पर मंथन करते हुए कार्य योजना तैयार की जायेगी। यह कार्यक्रम कार्यक्रम 16 जुलाई से 15 अगस्त, 2023 तक संचालित किये जायेगे, जिसमें मा0 सांसद, मा0 प्रभारी मंत्री, मा0 विधायकगण व अन्य गणमान्य महानुभावों को आमंत्रित किया जायेगा।
हरेला पर्व के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों, नदियों के किनारों, विद्यालय परिसरों आदि स्थानों पर विभागीय प्रयासों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों, विद्यालयी छात्रों, स्थानीय निकायों/संस्थाओं तथा जनमानस की सहभागिता से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा नामित नोडल अधिकारी स्थानीय निकायों/संस्थाओं, विद्यालयों, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को नि शुल्क पौध उपलब्ध करायेगें।
इस वर्ष हरेला पर्व के कार्यक्रम हेतु प्रभागों में रेंज के प्रत्येक वन अनुभाग स्तर पर एक ‘‘हरेला वन‘‘ की स्थापना की जायेगी। हरेला पर्व के अंतर्गत मुख्य रूप से फल एवं चारा प्रजाति के वृक्ष रोपित किये जायेगे जिसकी सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था जनपद स्तर पर की जाएगी तथा आगामी 05 वर्षों तक इसी ‘‘हरेला वन‘‘ में वृक्षारोपण किया जायेगा।
हरेला पर्व में चलाये जाने वाले वृहद वृक्षारोपण अभियान के साथ-साथ धाराओं के संरक्षण एवं पुनर्जीवन, स्वच्छता सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, जल प्रवाह की निरंतरता आदि अनेक अवयवों पर कार्य किया जायेगा। जनपद स्तरीय समिति द्वारा विभिन्न विभागों/योजनाओं जैसे वन, जलागम, जायका, आईफेड, वन विकास निगम, ग्राम्य विकास विभाग, कृषि विभाग, सिंचाई, पेयजल, नगर विकास, पर्यटन एवं विद्यालयी शिक्षा आदि विभिन्न विभागों के द्वारा संचालित किये जाने वाले कार्यक्रम के साथ भी कन्वर्जेंस के कार्य कराये जायेगें।

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