श्रीनगर में एड्स जागरूकता कार्यशाला

पौड़ीः स्वास्थ्य विभाग पौड़ी द्वारा एचआईवी/एड्स विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ रुचि पैन्यूली द्वारा एड्स रोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

श्रीनगर में आयोजित कार्यशाला में डा पैन्यूली ने बताया कि रोग किस प्रकार फैलता है। और हम किस प्रकार इससे बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि
दुनियाभर में सबसे अधिक मृत्यु दर वाली बिमारियों में एड्स भी है। एचआईवी वायरस से होने वाले इस रोग को लाइलाज माना जाता है। उन्होने बताया कि सेक्सूअल ट्रांसमिशन से ही नही बल्कि ब्लड ट्रांसमिशन एवं नशे में प्रयोग की जाने वाली सीरिंज के इस्तेमाल से भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। साथ ही गर्भवती महिला से उसके बच्चे को संक्रमण की आशंका अधिक रहती है। एचआईवी संक्रमित दंपति को शुरू से ही एआरटी थेरेपी देकर नवजात को इसकी चपेट में आने से बचाया जा सकता है। एआरटी थेरेपी से गर्भावस्था में वायरल लोड कम हो जाता है।
एचआईवी शरीर के संक्रमण और बीमारी से लडने की हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट करता है। धीरे-धीरे हमारा शरीर कई प्रकार के संक्रमणों से ग्रसित हो जाता हैं। सामान्यतः देखने में उसकी पहचान आसान नहीं है। इसकी पहचान परीक्षण से ही संभव है।

यदि कोई व्यक्ति एच.आई.वी. संक्रमित हो जाता है तो ऐसे व्यक्ति की आई सी टी सी सेन्टर में ले जाकर काउसलिग की जाती है। ताकि बिमारी के डर को दूर कर व्यक्ति उपचार के साथ ही सामान्य जीवन व्यतीत कर सके। इसलिए हमारा दायित्व है कि सामाजिक दायरे में लोगों को एड्स के प्रति जागरुक करें। जो व्यक्ति संक्रमित हो चुके हैं उन्हे भावनात्मक सहयोग दें। यह हमारा सामाजिक दायित्व है कि, उनके साथ किसी भी तरह से सामाजिक भेदभाव न हो। कार्यक्रम में डॉ गौरी डोभाल के द्वारा ज्ठ रोग की जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक सुबोध कुमार, नीरज भंडारी, अरुण शाह और पर्यावरण मित्र उपस्थित रहे।

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