पौड़ी। देवेंद्र बिष्ट। विशेष सत्र न्यायाधीश(पोक्सो)आशीष नैथानी की अदालत ने नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के एक मामले में अभियुक्त को बीस वर्ष की सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक(पोक्सो)बिजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मामला जिले की सतपुली तहसील का है।पीड़िता तेरह सितम्बर2020 को अपने घर से बिना बताये कही चल गई।परिजनों से खोजबीन करने के बाद भी जब पीड़िता का पता नही चलने पर नाबालिक पीड़िता की माँ ने पन्द्रह सितम्बर को एक तहरीर स्थानीय राजस्व चौकी में दी,जिसमे उनकी बेटी(पीड़िता)का घर से बिना बताए कही चले जाने व अभियुक्त पर भगाकर ले जाने का शक जाहिर किया।पीड़िता की मां की तहरीर पर भा, दं सं की धारा363,366 में मामला दर्ज किया गया।विवेचना के दौरान नौ अक्टूबर को नाबालिक पीड़िता को अभियुक्त के कब्जे से पुलिस ने बरामद किया ।
पीड़िता ने पुलिस व मजिस्ट्रेट को दिए बयान में बताया कि अभियुक्त घटना के दिन उसके गांव आया और शादी का झांसा देकर ज़बरदस्ती हिमाचल प्रदेश अपने किराये के कमरे में ले गया।उसने पीड़िता को बतौर पत्नी रूप में रखा।पीड़िता के बयानों के आधार पर विवेचक ने भा दं सं की धारा 376(3) व्5/6पोक्सो एक्ट की वृद्धि की।
मामले में आरोप पत्र पेश किया गया ।मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से ग्यारह गवाह पेश किये गये। बचाव व् अभियोजन पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को धारा 376 में बीस वर्ष की कारवास सजा व् पचास हजार अर्थदण्ड,366 में 5वर्ष की कारावास व् पांच हजार अर्थदण्ड व् धारा363 में तीन वर्ष की कारावास व् तीन हजार अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने की सजा सुनाई।अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त एक वर्ष चार माह की अतिरिक्त कारवास की सजा से दण्डित किया जायेगा।न्यायालय द्वारा पीड़िता को दो लाख प्रतिकर देने का आदेश दिया गया।मामले की विवेचना उप निरीक्षक लक्ष्मी सकलानी द्वारा की गयी।यह भी गौर तलब है कि अभियुक्त शादी शुदा है और दो बच्चों का पिता है।