Special Story: होली पर खामोश लबों और डबडबाई आंखों ने कहा ‘शुक्रिया’

मशहूर शायर राहत इंदौरी का एक शेर है कि ‘‘रात की धड़कन जब तक जारी रहती है, सोते नहीं हैं हम जिम्मेदारी रहती है”। सच में जिनके भीतर जिम्मेदारी का जज्बा होता है वह कभी अपना ध्यान नहीं भटकाते, हर वक्त वह खुद को जिम्मेदारियों के लिए बेचैन करते रहते हैं। आज देश भर में होली का उल्लास रहा। प्रदेश की राजधानी देहरादून में स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत के आवास पर भी होली की शुभकामना देने वालों का तांता रहा। अच्छे खासे कार्यक्रम हुए। लेकिन इन सबके बीच वह अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पूरी निष्ठा के साथ सजग रहे। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर लोगों का हालचाल जाना। मरीजों के शीघ्र स्वस्थ्य होने कामना व तीमारदारों के कंधे थपथपाकर उनके दर्द को बांटने का प्रयास किया। चिकित्सकों व कार्मिकों को उनकी सेवा के लिए प्रोत्साहित किया।

यूं तो होली जैसे त्यौहार पर अस्पताल से ज्यादातर मरीज छुट्टी चाहते हैं, भले ही वो एक आध दिन बाद होली निपटा कर फिर से अस्पताल के बिस्तर पर आ जाएं। तीमारदारों का फोकस भी इस पर स्वाभाविक सा है। लेकिन जिन्हें इस मौके पर भी कुछ समय के लिए भी छुट्टी नहीं मिल पाती वह स्थितियां स्वाभाविक तौर पर परेशानिंया बढाने वाली ही होती हैं। मरीजों के साथ उनके तीमारदारों की होली भी अस्पताल में ही मनती तो नहीं कह सकते लेकिन जैसे तैसे बीतती है। कुछ खास अवसरों मन को समझाना वाकई मुश्किल होता है। लेकिन मजबूरी है।

आज होली मिलन कार्यक्रमों के बाद स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने दून अस्पताल पहुंचकर वहां का निरीक्षण किया और सभी मरीजों का हाल चाल जाना। उन्हें होली की बधाई दी और जल्द स्वस्थ होकर घर लौटने की शुभकामनाएं दी। उन्होंने अस्पताल में चिकित्सकों व स्टाफ से व्यवस्थाओं से संबंधित जानकारी ली तथा उन्हें उचित दिशा निर्देश भी दिए।
साथ ही होली के पर्व पर भी सेवा को प्राथमिकता देने वाले अस्पताल के सभी डॉक्टरों, कर्मियों का उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए मंत्री ने धन्यवाद किया। जाहिर तौर पर उन कार्मिकों की सेवा सम्मान के योग्य है। मंत्री के अस्पताल भ्रमण पर चिकित्सकों व कार्मिकों का उत्साह तो बढ़ा ही है वहां भर्ती मरीजों के साथ उनके तीमारदारों के चेहरे भी खिलखिला गए। मंत्री से बातचीत के बाद होली में अस्पताल में एक तरह से जो कैद होने की सी टीस मरीजों और उनके परिवार जनों के मन में थी वह पूरी तरह से मिट गई।
निष्ठा के इस जज्बे के लिए स्वास्थ्य मंत्री का अस्पताल में किसी ने सामने बोल कर तो किसी खामोश और डबडबाई आंखों से आभार जताया। जिम्मेदारी का यही जज्बा और परेशानी में उलझे आम जन की पीड़ा का अहसास कर उसे बांटने का हुनर ही डा धन सिंह रावत की बढ़ती लोकप्रियता की ताकत है। और यही उनका परफैक्शन भी। सभी को होली की शुभकामनाएं।

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