प्रदेश के वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस अपशिष्ट निवारण, श्रम, सेवायोजन, कौशल विकास, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने आज मुख्य वन संरक्षक कार्यालय कक्ष में वनाग्नि के संबंध में आपातकालीन बैठक ली। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के स्थलीय भ्रमण के दौरान जंगलों में विकराल वनाग्नि को देखते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क के निकट स्थलों पर फायर बिरगेट के वाहनों को तैनात कर आग बुझाना सुनिश्चित करें। साथ उन्होंने कहा कि वन प्रहरियों की भर्ती कर तत्काल ही उनकी तैनाती वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों में की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थितियों को देखते हुए वन विभाग के समस्त अधिकारियों व कार्मिकों की अवकाश पर रोक लगाई गई थी, जिसके बावजूद भी डीएफओ गढ़वाल अवकाश पर चले गए। उन्होंने मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल व वन संरक्षक को अग्रिम आदेश तक तत्काल सिविल सोयम पौड़ी डीएफओ को गढ़वाल डीएफओ का चार्ज देने को कहा।
मा. मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत वनों में आग लगने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्य वही करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अपराध करने वाले का पता न लगने की स्थिति में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है उसी तर्ज पर वनों में आग लगाने वालों की पहचान न होने पर अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगने की स्थिति पर वन विभाग, जिला प्रशासन, फायर विभाग , आपदा तथा स्थानीय लोगों को समन्वय बनाकर कार्य करें। कहा कि जितने क्षेत्रों में आग लगी है अगर उतने मुकदमे दर्ज नही किये गए तो सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में अचानक आग लग गई हो तो स्थानीय लोगों को वन विभाग को सूचित कर उनकी मदद करनी चाहिए, जिससे वन और पर्यावरण सुरक्षित रह सके। कहा कि पिरूल के निस्तारण, जंगलों में फायर लाइन बनाकर आग को फैलने से रोका जा सकता है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे, वन संरक्षक एन. एन पांडे, डीएफओ सिविल एवं सोयम सोहन लाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पौड़ी दीप्ति रावत सहित अन्य उपस्थित थे।