आयुष्मान लाभार्थी हित में आपसी समन्वय जरूरी: रीना जोशी

देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड में दून अस्पताल में आयुष्मान योजना के संचालन में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की गई। साथ ही अस्पताल प्रोत्साहन व चिकित्सा दावों के प्रस्तावों को त्रुटिरहित करने प्रशिक्षण भी दिया गया।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दून अस्पताल प्रबंधन ने चिकित्सा दावों के रिजक्शन समेत अन्य बिंदुओं को रखा। एसएचए की ओर से बताया कि प्रस्तुत सभी दावों को राष्टृरीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की गाइड लाइन के अनुरूप स्वीकृत व निरस्त किया जाता है। प्रशिक्षण व जानकारी के अभाव में पोर्टल पर मानकों के अनुरूप जानकारियां अपलोड न हो पाने के कारण भी इस तरह की दिक्कतें आती हैं।
बैठक में सीईओ रीना जोशी ने कहा कि पोर्टल में अपलोड होने वाले दस्तावेजों व तौर तरीकों को लेकर सभी सेवा प्रदाता चिकित्सा इकाइयों को प्राधिकरण द्वारा समय समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों के जरिए आयुष्मान योजना की सेवाओं को और अधिक प्रभावी व अधिक सुगम बनाए जाने पर सरकार के निर्देशों पर प्राधिकरण का फोकस है। कहा कि किसी भी अस्पताल को किसी ब्याधि कोड या उपचार से संबंधित अन्य किसी तरह की दिक्कत आती है तो प्राधिकरण की टीम उन्हें बाकायदा प्रशिक्षण देगी। उन्होंने लाभार्थी हित में आपसी समन्वय को जरूरी बताया।
इस मौके पर भी प्रबंधन की टीम की अल्प प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के सभी अनुभागों को फिर से प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए।
बैठक में दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. रविंद्र सिंह बिष्ट, डा अभय कुमार, एसएचए के निदेशक प्रशासन डा डीपी जोशी, निदेशक क्लेम डा सरोज नैथानी, अपर निदेशक निखिल त्यागी, अमित शर्मा, आइएएस के राज्य समन्वयक डा हर्ष व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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