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आयुष्मान योजना के सात साल, बेमिसाल

उत्तराखंड में प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित करती आयुष्मान योजना

देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंडः सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की कहावत को चरितार्थ कर रही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने आज सात साल का शानदार सफर पूरा कर दिया है। 23 सितंबर 2018 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज ही के दिन इस योजना की शुरूआत की थी। इसमें प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए तक निःशुल्क उपचार की सुविधा सुलभ है। इसमें प्रदेश के 5.97 लाख परिवारों को आच्छादित किया गया था।
बाद में आयुष्मान की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार ने आयुष्मान को सार्वभौमिक करते हुए आम जनों के लिए अटल आयुष्मान योजना व व राजकीय व स्वावय कार्मिकों व पेंशनरों के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना भी शुरू की। योजनाओं के नाम भले ही अलग हों लेकिन लक्ष्य सभी का जन कल्याण ही है। जन कल्याण के इन सामूहिक प्रयासों के नतीजे आज अनुकरणीय बने हैं।

61 लाख से अधिक बन चुके हैं आयुष्मान कार्ड

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान योजन व उत्तराखंड राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में आरंभ से वर्तमान तक के ब्यौरे की बात करें तो प्रदेश में करीब 61 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। 17 लाख से अधिक मरीजों ने अस्पताल में भर्ती होकर निशुल्क उपचार सुविधा का लाभ उठाया। और इस निःशुल्क उपचार सेवा पर बीते सात सालों में करीब 3300 करोड़ का व्यय हुआ है। इसमें गंभीर बीमारियों से जूझते हुए कई लाभार्थी मरीजों को जीवनदान मिला है।

आयुष्मान में अस्पतालों की है एक बड़ी श्रृंखला
प्रदेश में आयुष्मान योजना के अंतर्गत वर्तमान में कुल 396 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। जिसमें 201 सरकारी व 195 निजी अस्पताल शामिल हैं। प्रदेश के बाहरी प्रांतों में 31 हजार से अधिक अस्पताल आयुष्मान योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं। प्रदेश के बाहर रहने वाले राज्य के लाभार्थी बाहर के अस्पतालों में उपचार कराते हैं और उत्तराखंड में बाहरी प्रांतों के लाभार्थी भी सूचीबद्ध अस्पतालों में उपचार सुविधा का लाभ उठाते हैं।

बुजुर्ग जनों के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड
जन कल्याण में नया अध्याय जोड़ते हुए भारत सरकार ने आयुष्मान योजना के अंतर्गत ही गत वर्ष 29 अक्टूबर को 70 साल या उससे अधिक आयुवर्ग के बुजुर्गजनों को पृथक से 5 लाख रूपए तक कैशलेस उपचार की सुविधा दी है। चूंकि बड़ी में उम्र ही स्वास्थ्य सुरक्षा की अधिक आवश्यकता होती है ऐसे में वय वंदना कार्ड हमारे बुजुर्ग जनों के लिए उपहार से कम नहीं है। अभी तक 20 हजार से अधिक वय वंदना कार्ड बन चुके हैं। जिसके सापेक्ष करीब 5000 लाभार्थियों ने 7400 बार योजना का लाभ उठाया है जिस पर आरंभ से अब तक करीब 20 करोड़ रूपए की धनराशि खर्च हुई है।

सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल उपचार
सड़क हादसे में घायल हुए पीड़ितों के लिए आयुष्मान के तहत ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय संयुक्त पहल से कैशलेस उपचार की खास व्यवस्था की गई है। इसमें किसी भी सड़क हादसे के घायल को सिर्फ पुलिस रिपोर्ट के आधार पर उपचार तत्काल शुरू किया जाता है। इसमें 1.50 लाख तक या सात दिवस (जो भी पहले हो) कैशलेस उपचार की सुविधा है।

– माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः” की भावना से प्रारम्भ की गई आयुष्मान भारत दृ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना विश्व की सबसे बड़ी आरोग्य योजना है। यह योजना लाखों हितग्राही रोगियों के लिए संजीवनी सिद्ध हो रही है।
उत्तराखण्ड में इस योजना के सात वर्षों की यात्रा में असंख्य रोगी निःशुल्क उपचार पाकर पुनः स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हुए हैं। रोगपीड़ितों को संकट से उबारने वाली, लोककल्याण की इस अद्वितीय योजना के सफल संचालन हेतु केन्द्र सरकार तथा माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति हृदय से धन्यवाद।

पुष्कर सिंह धामी
मा. मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार

– आयुष्मान योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के वरदान साबित हो रही है। महंगे उपचार के कारण जहां पहले गरीब-जन अपनी बीमारी का उपचार नहीं करा पाते थे आज आयुष्मान कार्ड लेकर किसी भी बड़े सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में वह निःसंकोच जाकर निःशुल्क उपचार सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति को भी आयुष्मान का लाभ मिलना चाहिए। गंभीर ब्याधियों से ग्रसित कई लोगों को आयुष्मान से जीवनदान मिला है। हम कह सकते हैं कि आयुष्मान योजना का सात साल का सफर उपलब्धिपूर्ण रहा।
डा धन सिंह रावत
स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखंड सरकार

– आयुष्मान योजना जनापेक्षाओं पर खरी उतरे, पात्र लाभार्थियों को सही ढंग से उपचार मिले और अस्पताल के चिकित्सा दावों का पारदर्शिता के साथ निस्तारण हो इसका पूरा ध्यान रखा जाता है। सेवाओं में कोई कोताही ना हो इस के लिए सेवा प्रदाताओं को निर्देशित किया जाता है। गलत दावे प्रस्तुत करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई है।
अरविन्द सिंह ह्यांकी
अध्यक्ष
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंड

– राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान योजना व राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना का संचालन किया जा रहा है। सरकार की मंशा व दिशा निर्देशों के अनुरूप आम जन मानस को लाभान्वित कर रही आयुष्मान योजना प्रगति की ओर अग्रसर है। लाभार्थियों को बेहतर उपचार मिले इसके लिए अस्पतालों को समय समय पर निर्देशित किया जाता है। लाभार्थियों की सुविधा के लिए प्राधिकरण में कॉल सेंटर की व्यवस्था भी है।
रीना जोशी
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण

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