पिथौरागढ़। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत जनपद पिथौरागढ़ में कुल 17 गांवों का चयन भारत सरकार द्वारा किया गया है। ये सभी गांव ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या 500 से अधिक है जिसमें 50 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं, अर्थात अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव हैं। इन सभी गांवों में आधार भूत संरचना एवं गांव का सुनियोजित विकास किया जाएगा इस हेतु विभिन्न विभागों द्वारा आपसी समन्वय से इन गांवों में गांव की आवश्यकताओं के अनुसार अवसंरचना विकास हेतु वीडीपी (ग्राम विकास कार्यक्रम) तैयार की जाएगी।गुरुवार को उक्त योजना की समीक्षा हेतु जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक जिलाधिकारी आनन्द स्वरूप की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जिले में चयनित कुल 17 प्रधानमंत्री आदर्श गांव से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित गांव से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनमें जो प्राथमिकता गांव की ओर से प्रस्तुत की गई है उसे सामिल करते हुए द्वितीय प्राथमिकता इन सभी गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर देनी आवश्यक है, उन्होंने कहा कि जब गांव पर्यावरणीय दृष्टि से साफ एवं स्वछ रहेगा तभी वह आदर्श माना जाएगा। गांव में सभी मूलभूत सुविधाएं पेयजल, शिक्षा,स्वास्थ्य,विद्युत आदि के अतिरिक्त स्वच्छता का भी होना नितांत आवश्यकीय हैं, इस हेतु गांव के कूड़े के निस्तारण हेतु इन गांवों में एक-एक कॉम्पेक्टर मशीन रखे जाने का भी प्रस्ताव रखा जाय, जिससे जहां एक ओर गांव के कूड़े का निस्तारण होगा वहीं कूड़े से प्राप्त जैविक खाद आदि कार्य से ग्राम पंचायत की आय भी होगी। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने कहा कि गांवों में पेयजल व्यवस्था के अतिरिक्त इन सभी गांवों में स्थित विद्यालय व आंगनबाड़ी भवनों में पेयजल संयोजन व बालक-बालिकाओं हेतु अलग-अलग सौचालयों का निर्माण करना आवश्यकीय है। जिलाधिकारी ने कहा कि इन सभी गांवों हेतु एक अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की जाय जिसमें संबंधित क्षेत्र में तैनात ग्राम विकास अधिकारी, क्षेत्रीय राजस्व उप निरीक्षक आदि को सामिल करते हुए संबंधित टीम एक सप्ताह के भीतर इन प्रधानमंत्री आदर्श गांव में जाकर ग्राम प्रधान व अन्य के साथ बैठक व भ्रमण कर गांव की आवश्यकता को देखते हुए प्रस्ताव तैयार करने के साथ ही रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि इन सभी गांवों में अवस्थापना आदि के कार्य प्रारंभ किए जा सकें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि गांव की जो भी डीपीआर प्रस्तुत हो उसमें यह ध्यान रखा जाय कि एक योजना एक ही विभाग से प्रस्तावित हो, उनमें डुप्लीकेसी न होने पाय, साथ ही मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इन गांवों में मनरेगा व अन्य योजनाओं से भी डॉप्टेलिंग से विकास कार्यों को किए जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किए जाय, ताकि इन गांवों का समुचित विकास हो सके।
बैठक में समाज कल्याण अधिकारी ने अवगत कराया कि जिले में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत चयनित सभी 17 गांवों हेतु प्रत्येक गांव के विकास के 20 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। जिले में इन 17 गांवों में चमडुगरी टिमटा, चिटगल,डमडे,कोठेरा, नैनी, गवासीकोट, पाली,रणकोट उप्रेती, वैशाली,गणकोट, मेलडूंगरी,भट्यूडा, ढढखोला,दवालीसेरा,बलतिर, बेलकोट, सिरदांग हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल,मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ विद्यासागर कापड़ी,मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र चौधरी, समाज कल्याण अधिकारी दलीप कुमार समेत विभिन्न विकास खण्डों से खण्ड विकास अधिकारी आदि वर्चुवल के माध्यम से जुड़े रहे।
जिला सूचना अधिकारी
पिथौरागढ़।