सरकारी तंत्र काम समय पर पूरा ना होने या जनहित के किसी अभियान की असफलता पर खुद का पल्ला झाड़ने और दूसरे को जिम्मेदार ठहराकर मामला रफा-दफा करने के लिए पहले से ही बदनाम रहा है। हाल में देशभर में चल रहे आयुष्मान भवः अभियान को लेकर जो भी फीडबैक मिला रहा है, उसमें भी बताया जा रहा है तंत्र की इसी हीलाहवाली के कारण यह अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। हरेक जिम्मेदारान सुस्त चाल के बचाव में तमाम ठोस बहानों की फेहरिस्त लिए खड़ा है। दुर्योग यह कि अभियान के नतीजों की निराशा दूर से ही साफ इशारा कर रही है।
लेकिन अब इस पखवाड़े के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने जो व्यवस्था दी है वह तंत्र की सुस्ती भगाने की एक शानदार डोज है। सुस्ती के आगोश में चल रही सरकारी मशीनरी अब तय है कि फुर्ती से काम करेगी। जिम्मेदारियां इस तरह सैट होंगी कि पल्ला झाड़ने अवसर अब शायद ही मिले।
डीएम संभालेंगे आयुष्मान भवः अभियान की कमान, प्रत्येक दिन शासन को भेजेंगे रिपोर्ट
प्रदेश में आयुष्मान भवः अभियान के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने जनपदों के जिलाधिकारियों को नोडल बना दिया है। यानी संचालन की सारी बागडोर अब डीएम यानी जिलाधिकारियों के हाथों में रहेगी। और इतना ही नहीं वो भी हरेक दिन की रिपोर्ट भी शासन को भेजेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डा रावत ने बताया कि प्रदेश में आयुष्मान भव अभियान के क्रियान्वयन के लिये जिलाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
प्रत्येक जिलाधिकारी अपने अपने जनपदों में स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य रेखीय विभागों समाजकल्याण, जनजाति कल्याण, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, महिला शसक्तीकरण एवं बाल विकास, पंचायतीराज एवं शहरी विकास विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर अभियान के सभी घटकों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
इसके अलावा प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्डों में शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने का भी लक्ष्य दिया गया है। जिलाधिकारी जनपदों में प्रत्येक दिन अभियान की समीक्षा कर रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।
उम्मीद की जानी चाहिए कि स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत के इन नए निर्देशों से आयुष्मान भवः अभियान को लेकर सरकारी सिस्टम की सुस्ती खत्म होगी, काम में तेजी आएगी और अपेक्षाओं के अनुरूप परिणाम आएंगे। अब शायद ही कोई काम के बदले मीठी गोली देने की जुर्रत करे। क्योंकि डीएम के आदेशों की अवहेलना का मतलब सभी विभागों के अधिकारी व कार्मिक भले से जानते हैं।
इस सारे सोच विचार से जो बात पुख्ता होकर निकलती है वह यह है कि स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत जानते हैं कि घुमाव की कलाबाजी में माहिर सरकारी सिस्टम से कैसे काम लेना है। यह खूबी जन के नेता में होनी भी बहुत जरूरी हैं।