ईमानदारी और पारदर्शिता के मूलमंत्र पर काम कर रही त्रिवेंद्र सरकार का पूरा फोकस राज्य में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर है। बीते पौने चार सालों में त्रिवेंद्र सरकार का यह संकल्प धरातल पर दिखा है। बात चाहे सूबे में सड़कों का जाल बिछाने की हो या स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की। त्रिवेंद्र सरकार लगातार आमजन के हित में जनप्रिय फैसले लेकर उन्हें राहत पहुंचाने का काम कर रही है।
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां बेहद विषम हैं। तीन मैदानी जिलों को छोड़कर बाकी राज्य का अधिकांश भूभाग पर्वतीय है। ऐसे में जनसुविधाओं को आमजन तक पहुंचाना भी किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं। लेकिन मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता संभालने के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार का पूरा फोकस मूलभूत सुविधाओं सड़क, बिजली, पानी एवं स्वास्थ्य पर रहेगा। आज जबकि त्रिवेंद्र सरकार अपने कार्यकाल को चार साल पूरे करने जा रही है तो अब यह सुखद अहसास होता है कि सरकार ने जो वायदे किए थे, उन पर उतनी ही खरी भी उतरी है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य बनने के बाद जहां सड़कों के पुर्ननिर्माण के लिए कभी भी 200 करोड़ से अधिक की धनराशि नहीं दी गई तो पिछले पौने चार सालों में इसे तीन गुना से ज्यादा किया गया यानि 630 करोड़ की धनराशि सड़कों के पुर्ननिर्माण के लिए दी गई जो कि अपने आप में रिकार्ड है। वहीं, 126 पुलों के निर्माण के लिए सरकार ने 350 करोड़ रूपए का जो भी बंदोबस्त किया वो अलग है। पीने का पानी उपलब्ध कराने में तो त्रिवेंद्र सरकार ने अकल्पनीय काम कर दिया। गांव-गांव में हर घर नल से जल पहुँचाने का बीड़ा उठाया गया। इसके लिए लाभार्थियों से महज एक रुपये शुल्क लिया जा रहा है। शहरी इलाकों में यह शुल्क 100 रुपए है। ग्रेविटी वॉटर का इस्तेमाल पेयजल के साथ सिंचाई के लिए हो सके इसके लिए देहरादून समेत गैरसैंण, पौड़ी व अन्य जिलों में छोटे छोटे जलाशय, झील एवं बांधों का निर्माण शुरू कर दिया गया है। इनमें कुछ पूरे हो चुके हैं तो कई पर काम चल रहा है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। राज्य में वर्ष 2017 में जहां 1024 डाॅक्टर थे तो आज इनकी संख्या बढ़कर 2400 कर दी गई है। जबकि 720 डाॅक्टरों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। ऐसा पहली बार हुआ है जबकि राज्य में इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की तैनाती की जा सकी। कोविड काल में राज्य सरकार ने सूबे के अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सिजन पाइपलाइन पहुंचाने के कार्य किए। केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना के तहत राज्य में उन गांवों और तोकों तक बिजली पहुंचाई गई जहां आजादी के बाद से आज तक बिजली नहीं थी।