देहरादून। उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में उत्तराखंड की सीमाएं चीन से लगी हैं। यही वजह है कि चीन से चल रही तनातनी के बीच उत्तराखंड में भी सेना सीमाओं पर मुकम्मल तैयारियों में जुटी है। इस बीच दीपावली से पहले और दीपावली के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी चीन सीमा के करीब जवानों की हौसला अफजाई करने पहुँचे तो जवानों का जोश चैगुना हो गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की काम करने की जुदा शैली ही उन्हें अन्यों से अलग बनाती है। बात चाहे गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की हो या फिर भ्रस्टाचार पर नकेल की। उन्होंने अपनी अलग कार्यशैली के चलते विरोधियों का हर बार मुँह बंद करने का काम किया है।
दीवाली से पहले जिस तरह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तरकाशी के केपोंग में पजइच के कैम्प में जवानों के बीच पहुँचे उससे सीमा पर तैनात जवानों का जोश तो बड़ा ही साथ ही चीन तक भी संदेश पहुँचाने की कोशिश की गई कि उत्तराखंड का नेतृत्व भी अपने जवानों के साथ पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ा है। वहीं, दीवाली के दो दिन बाद सीएम एक बार फिर सीमांत गांव माणा में पजइच कैम्प में पहुँचे। इस बार उनके साथ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। सामरिक दृष्टि से बेहद अहम इन दोनों जिलों में जिस तरह से दो राज्यों के सीएम की मौजूदगी रही उसने न केवल उत्तराखंड में नई परंपरओं को डालने का काम किया गया बल्कि सेना के जवानों की हौसला अफजाई में भी कोई कमी नहीं छोड़ी। सीनियर जर्नलिस्ट अमित ठाकुर जी की कलम से