देहरादूनः देशभर में कोविड-वैक्सीनेशन की शुरूआत हो गई है लेकिन इस सबके बीच सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोविड वैक्सीन की विश्वसनीयता को लेकर भी एक भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। अलबत्ता, जानकारों का स्पष्ट रूप से मानना है कि किसी तरह की फेक न्यूज पर आंख मूंद कर भरोसा करने से बेहतर है कि हम पहले आधिकारिक रूप से उपलब्ध जानकारी को जरूर टटोल लें।
हमारे ही देश में चिकन पाॅक्स और पोलियो दो रोग ऐसे उदाहरण रहे हैं जिनका खात्मा वैक्सीन के आने के बाद ही संभव हो सका। इन बीमारियों के कारण हजारों लोगों की उस दौर में जान गई। ऐसे में वैक्सीन की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़ा किया जाना अपने आप में अजीब है। इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, व्हाॅटसएप से लेकर ट्वीटर आदि पर वैक्सीन को लेकर तमाम तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। जबकि वैक्सीन को लेकर किसी तरह के भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि यह वैक्सीन कई चरणों के परीक्षण और नियामक संस्थाओं की ओर से इसके सुरक्षित और प्रभावी होने के आधार पर दी गई मंजूरी के बाद ही लाई गई है। इसलिए फेक न्यूज के प्रसार में भागीदार न बनें। इसके लिए जरूरी है कि न तो हम गलत जानकारियों को साझा करें और जो ऐसा कर रहे हैं, उनको भी ऐसा करने से रोकें। अगर किसी तरह का कोई भी भ्रम वैक्सीन को लेकर मन में है तो जिज्ञासा शांत करने का सबसे बेहतर तरीका है कि हम भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय या किसी और आधिकारिक साइट से सही जानकारी प्राप्त करें।