गुड न्यूज: रोशन दीयों के जंगल ‘दिवाडांडा’ के सौंदर्य को मिलेगी नई पहचान

सिंगोरी न्यूज़ पौड़ी: इस खबर को आगे बढ़ाने से पहले दीवाडांडा का अर्थ समझ लेते हैं। गढ़वाल में ग्रामीण बोलचाल की भाषा में दिवा का अर्थ होता है दीपक और डांडा का मतलब जंगल। यानी दीयों की रोशनी का जंगल। अच्छी और उम्मीदों भरी खबर यह है कि जिलाधिकारी गढ़वाल डा0 विजय कुमार जोगदण्डे के दिशा निर्देशन में रोशन दीयों के जंगल दिवाडांडा को पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं

जनपद में स्वरोजगार परक विकास कार्यो को बढ़वा देने हेतु पर्यटन विकास अधिकारी/साहसिक खेल अधिकारी पौड़ी खुशाल सिह नेगी ने जनपद के विकास खण्ड पोखडा के स्थित धार्मिक एवं रमणीक पर्यटन स्थल दिवाडांडा की पैदल टेªक की बेस गांव जलपाड़ी में पहुंच कर ग्रामीणों को राज्य सरकार की विभाग में संचालित महत्वकांक्षी योजना की जानकारी देते हुए, करीब 20 लोगों स्वरोजगार हेतु आवेदन पत्र वितरित किया।

जनपद के पोखडा विकास खण्ड की दिवाडांडा कुदरत की अद्भुत नजारे की छटा बिखेरने वाला धार्मिक एवं रमणीक पर्यटन स्थल, अपने आप में अलग पहचान रखता है। यहां आने वाले श्रद्धालु एवं टेªकर्स अपने साथ अद्भुत स्मृति समेटकर ले जाते है। उक्त धार्मिक स्थल में पहुंचने के लिए एक तरफ की दूरी साढ़े छः किमी है, कुल 13 किलोमीटर की पैदल टेªक अपने आप में दुर्लभ सौन्दर्य से पटा है। क्षेत्र की महत्वता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार उक्त स्थल को विकसित करने में जुटी है। विभागीय अधिकारी श्री नेगी द्वारा सरकार की संचालित योजना की महत्वपूर्ण जानकारी दिये जाने पर ग्रामीणों ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की बेहतर पहल बताते हुए आभार जताया।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी/साहसिक खेल अधिकारी पौड़ी श्री नेगी ने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं स्वरोजगार को विकसित करने हेतु ग्रामीणों के साथ वार्ता कर, विभाग में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए ग्रामीणों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। उन्होने क्षेत्र की महत्वता के बारे में जानकारी देते हुए, टेªकिंग व्यवसाय से जुड़े कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने साहसिक ट्रेकिंग के बारे में तथा उपयोग में आने वाली सामाग्री/उपकरण के बारे में बताया। उन्होंने उक्त स्थल में ट्रेकिंग व्यवसाय से जुड़े तमाम तरह की गतिविधि एवं उपकरण की जानकारी दी। कहा कि टेªकिंग, कैंपिंग की व्यवसाय यहां अच्छी स्वरोजगार के रूप में उभर कर आयेगा। धार्मिक पर्यटन स्थल दिवाडांडा की महत्वता को जानने के लिए आने वाले समय में श्रद्धालु एवं पर्यटको में तेजी से रूचि बढ़ेगा। कहा कि उक्त स्थल की प्रचार प्रसार भी तेजी से हो रही है। जल्द ही यहां पर्यटकों की शैलाब उमड़ आयेगी। उन्होने ग्रामीणों को अपने कौशल के अनुरूप होमस्टे, होटल, कैंपिंग, टेªकिंग, वाहन आदि में स्वरोजगार स्थापित करने को कहा। जिस पर उन्होने ग्रामीणों को योजना की संपूर्ण जानकारी देते हुए इच्छुक आवेदकों को स्वरोगार हेतु आवेदन पत्र वितरित किया।
इस अवसर पर प्रधान गडरी महिपाल सिह नेगी, प्रधान सिलेथ राजपाल सिह रावत, ग्रामीण सोबन सिह, नारायण सिह, पूर्ण सिह, विकास रावत, पवन सिह, सुरजीत सिह रावत अमन सिह, विनय सिह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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