जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने जिला कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष में नमामि गंगे के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय गंगा समिति की बैठक ली। उन्हांेने बैठक में विकासखण्ड स्तर पर बंद पडे़ कम्पेक्टरों को यथाशीघ्र चालू करने व सभी सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालयों की सफाई करते हुए उपयोग की स्थिति में लाने केे निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिये है।
शुक्रवार को आयोजित गंगा समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि विकासखण्ड स्तर पर कूड़ा निस्तारण हेतु लगाये गये कम्पेक्टर को प्राथमिकता के आधार पर चालू करना सुनिश्चित करें। नगरों, कस्बों व ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों को लेकर जिलाधिकारी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद के अन्तर्गत सभी सार्वजनिक शौचालयों कीे साफ-सफाई करवाते हुए चालू अवस्था में लाना सुनिश्चित करें। लिगेसी वेस्ट (पुराने कूड़े) के निस्तारण हेतु भूमि चयनित नहीं करने पर जिलाधिकारी ने ईओ थलीसैंण के वेतन पर रोक लगाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जल्द भूमि चयनित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद के सभी सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सालयों व क्लीनिकों से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट मेनेजमेेंट वैज्ञानिक तरीके से हो रहा है कि नहीं इस सम्बंध में 15 दिन के भीतर रिर्पाेट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। वहीं उन्होंने उद्योग विभाग को औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल में प्रतिदिन हो रहे कूड़े व उसका निस्तारण किस प्रकार किया जा रहा है उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने श्रीनगर व कोटद्वार में गंगा वाटिका बनाने के लिए दोनों नगर आयुक्त को जल्द कार्य प्रारंभ करने को कहा। साथ ही उन्होंने जिला विकास अधिकारी को अर्थ गंगा का प्लान तैयार करने को कहा, जिससे नदी किनारे वाले क्षेत्रों में पर्यटन की दृष्टि से कार्य शुरू किये जा सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता के लिए सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लायी जयेगी।
बैठक में डीएफओ पौड़ी स्वन्पिल अनिरुद्ध, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचन्द्र सेठ, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, खनन अधिकारी राहुल नेगी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एस.के. रॉय, पीडी स्वजल दीपक रावत सहित अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।