देहरादून, आधुनिक समाज में हुई तमाम प्रगति के बाद भी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि गांवों में अभी भी रक्तदान के प्रति अपेक्षाकृत जागरूकता नहीं आ पाई है। स्वैच्छिक रक्तदान तो दूर यहां सच्चाई यह भी है कि जरूरत पडने पर लोग अपने नजदीकियों को भी रक्त अपेक्षाकृत निर्भयता से नहीं दे पाते। कारण रक्तदान को लेकर मन में उपजती शंकाएं। और यही शंकाएं स्वैच्छिक रक्तदान में भी बाधा बन जाती हैं।
जबकि गांवों में इंसानियत के साथ ही दूसरों के काम आने का जज्बा तो बहुत है, बात दूसरे के प्राणों को संकट से उभारने की हो, तब तो फिर क्या कहने।
अब एक अच्छी बात यह है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत के प्रयासों से सूबे के हरेक गांवों में लोगों को रक्तदान के पुण्य अर्जन का सौभाग्य मिलने वाला है। गांवों में रक्तदान को लेकर पसरी शंकाएं जरूर दूर होंगी। जरूरत पड़ने पर गांव के गांव उठ खड़े हो जाएंगे। धनदा का यह प्लान जब व्यवहार में आएगा तो जाहिर तौर पर शहर से लेकर गांवों तक इसांनियत, सौहार्द और जज्बातों की खूबसूरत दुनिया और भी महक और मिठास भरी होगी। धनदा की इंसानियत और व्यवहारिकता युक्त इस सोच को सलाम तो बनता है।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान के लिये इस वर्ष ई-रक्तकोष पोर्टल पर डेढ़ लाख रक्तदाताओं के पंजीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं नोडल अधिकारियों को लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने को कहा गया है। प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान के लिये युवा पीढ़ी को प्रेषित करने के उद्देश्य से प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल कॉलेज बनाये जायेंगे। इसी प्रकार सभी 13 जनपदों में एक-एक गांव भी गोद लिये जायेंगे, जहां प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति का रक्तदान के लिये पंजीकरण किया जायेगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर आई.आर.डी.टी. सभागार देहरादून में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं राज्य रक्त संचरण परिषद द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। ‘खून दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, अक्सर साझा करो’ थीम पर आयोजित राज्य स्तरीय गोष्ठी में डा. रावत ने बताया कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है, जो कि अच्छे संकेत हैं। इसके अलावा रक्तदाताओं द्वारा बड़े पैमाने पर ई-रक्तकोष पोर्टल पर रक्तदान के लिये भी अपना पंजीकरण करवाया है। विभागीय मंत्री ने बताया कि सूबे में अधिक से अधिक लोग रक्तदान के लिये प्रेरित हो सके इसके लिये प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल कॉलेज व मॉडल विलेज बनाये जायेंगे। इन मॉडल कॉलेजों में शत-प्रतिशत रक्तदान किया जायेगा जबकि मॉडल विलेज में प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति का पंजीकरण रक्तदान के लिये किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष 17 सितम्बर से 01 अक्टूबर 2022 को प्रदेशभर में चलाये गये रक्तदान अमृत महोत्सव में रिकॉर्ड 8171 रक्त यूनिट एकत्रित की गई, जो कि देश में दूसरा सर्वाधिक रक्त संग्रहण है जबकि इस दौरान 81188 लोगों द्वारा ई-रक्तकोष पोर्टल पर रक्तदान के लिये पंजीकरण कराया गया।