गगवाड़स्यूं घाटीः चांदनी रात में जमीन पर उतरेगी तारों की बारात


गगवाड़स्यूं घाटी का एक सपना आज पूरा हो गया। यहां बहुप्रतीक्षित ल्वाली झील का प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शिलान्यास किया। बड़ी तादाद में लोग इस इतिहास में दर्ज होने वाले क्षण के साक्षी बने। योजना की अहमियत सुन पुरानों ने हैरत जताई तो नई पीढ़ी के सपनों पंख लगे। ..
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को पौड़ी में ल्वाली झील का शिलान्यास किया। झील क्षेत्र का मौका भी उन्होंने किया। कहा कि प्रदेश में जल संरक्षण के लिए झीलों का निर्माण किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने झील का स्थलीय निरीक्षण भी किया। उन्होंने संबंधित विभाग को ल्वाली झील का निर्माण 1 साल के भीतर करने के निर्देश भी दिए। चिह्नित स्थान का स्थलीय निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को तय समय पर काम पूरा करने को कहा। सिंचाई विभाग द्वारा झील निर्माण का काम पूरा होने के लिए दो साल का समय बताए जाने पर सीएम ने नाराजगी जताते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 1 साल के भीतर झील का काम पूरा करने के निर्देश दिए।

कहा कि किसी भी कार्य में समापन की तिथि भी अंकित होनी चाहिए। यहां पर झील बनने के बाद पर्यटन और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। झील बनने से लंबे समय तक लोगों को पानी मिल सकेगा। सीएम ने कहा कि यह घाटी सब्जी उत्पादन के लिए बेहतर है। उन्होंने ग्रामीणों से सामूहिक खेती, सब्जी उत्पादन, पौधरोपण करने पर जोर दिया। उच्च शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत ने कहा कि यह ऐतिहासिक काम हो रहा है। दावा किया कि 1 साल के भीतर झील का काम पूरा कर लिया जाएगा। विधायक पौड़ी मुकेश कोली ने कहा कि झील बनने के बाद पर्यटन, स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इस मौके पर पार्टी के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र बिष्ट गढ़वाली, पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम, ब्लाक प्रमुख संतोषी रावत, सुर्दशन नेगी, कमल रावत, राज रावत, शैलेंद्र नौटियाल, जगतकिशोर बड़थ्वाल आदि शामिल थे।

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