देहरादून। टिहरी झील पर बने देश के सबसे बड़े मोटरेबल पुल डोबरा चांठी को जनता को समर्पित करने के पखवाड़ेभर में ही राज्य सरकार ने उत्तराखंड की जनता को मुनि-की-रेती में जानकी पुल के रूप में एक और सौगात दी है। विकास को गति देने में त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती।
उत्तराखंड राज्य की 20 वीं वर्षगांठ के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीती 8 नवंबर को टिहरी झील पर बने डोबरा चांठी पुल का शुभारंभ किया था। इस पुल का बीते दो दशकों से प्रतापनगर समेत उत्तरकाशी के 100 से ज्यादा गांव के लोगों को इंतजार था। दरसअल, टिहरी मुख्यालय तक पहुँचने के लिए झील पार के लोगों को लंबा रास्ता तय करना पड़ता था। अब झील पर पुल तैयार होने से लोगों की वर्षों पुरानी पीड़ा दूर हो गयी है। पुल के लोकार्पण के दिन हजारों स्थानीय लोगों की मौजूदगी ने भी त्रिवेंद्र सरकार पर दिल खोलकर अपना प्यार बरसाया।
इधर, आज सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुनि की रेती में जानकी पुल का शुभारंभ कर विकास की एक नई लकीर खींच दी। दरसअल, इस पुल का शिलान्यास वर्ष 2013 में हो जरूर गया था लेकिन सुस्त रफ्तार के कारण यह अंजाम तक नहीं पहुँच पाया। त्रिवेंद्र रावत सत्ता में आये तो डोबरा चांठी की तर्ज पर ही उन्होंने इस पुल के निर्माण में खासी दिलचस्पी ली। बीते तीन वर्षों में इस पुल के निर्माण में तेजी आई। नतीजा, आज यह पुल बनकर तैयार है।बता दें कि यह पुल टिहरी और पौड़ी जनपद के मुनिकीरेती व स्वर्गाश्रम को जोड़ने का काम करेगा। तीन लेन के इस पुल के बनने के बाद दोनों ओर की जनता को लाभ मिलेगा।
वहीं, राम और लक्ष्मण झूला पुल का आकर्षण बीते दशकों से देश दुनिया के पर्यटकों में रहा है। कई बालीवुड फिल्मों में भी यह दोनों पुल कई बार नजर आ चुके हैं। अब, जानकी सेतु पूरे ऋषिकेश क्षेत्र में आकर्षण का नया केंद्र बनने को तैयार है। सीनियर जर्नलिस्ट अमित जी की कलम से