सिंगोरी न्यूजः विकास खण्ड खिर्सू और पाबौ की मध्य सीमा रेखा में स्थित है पहाड़ों का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल कठूली की चौरी। यह स्थल मुख्य मार्ग पर है। सड़क से सटी होने के बावजूद यहां पर बहुत खुली जगह भी है। पूर्व में इस स्थल से जिला पंचायत का पैदल मार्ग भी निकलता है जो पूरी कठूलस्यूं पट्टी को जोड़ने का काम करता है। हाल ही में इस चैंरी में बजरंग बली की मूर्ति स्थापित की जा रही है। मूर्ति लगने से इस स्थल की रमणीकता और भी अधिक बढ़ गई है, इसमें केाई दो राय नहीं हैं।
कठूली की चौरी ऐसा स्थल है जहां से पर्वतराज हिमालय का विहंगम दृश्य दिखता है। वहीं सामने पतित पावनी गंगा के साक्षात दर्शन होते हैं। पर्यटन नगर पौड़ी की विहंगमता भी यहां से देखते ही बनती है। यहां से कठूली गांव का ग्रामीण परिवेश, खेती बाड़ी और जल जंगल का सामथ्र्य के भी दर्शन होते हैं तो उल्खागढ़ी देवी, बूंखाल की कालिंका समेत कई देव स्थलों के भी यहां दर्शन सुलभ हो जाते हैं। बांज के घने जंगलों की बीच स्थित इस रमणीक स्थल पर पूर्व में भी वन विभाग की ओर से शोभा स्थली का निर्मार्ण कराया गया था। लेकिन अपेक्षित रख रखाव के चलते वह प्रयास इस स्थल को उतना आकर्षक नहीं बना सकता था। अब इस सड़क से जो भी गुजरेगा जय श्री राम तो बोलना ही पड़ेगा।
हाल ही में वन विभाग के प्रयासों से यहां पर पवन पुत्र हनुमान की मूर्ति की स्थापना की गई है। यहां घने जंगल से निकलते हुए आकाश के क्षितिज पर महाबली के विराट दर्शन हो रहे हैं। कुदरत की इतनी विविधता शायद ही और कहीं देखने को मिले। स्थानीय लोग व पर्यटन के जानकारों का कहना है कि यहां महाबली की मूर्ति लगने से ऐसा लग रहा है जैसे यह स्थल वास्तव में इसी मूर्ति के लिए बनाया गया हो। वास्तव में यदि महाबली के साक्षात दर्शन करने हैं तो इससे बेहतरीन जगह और कोई शायद ही कहीं मिल सकेगी। यहां लग रहा है कि साक्षात महाबली अवतरित हो रहे हैं।
कठूली गांव के निवासी व सिंगोरी पंचायत के प्रतिनिधि सुमन नेगी ने वन विभाग के इस प्रयास पर खुशी के साथ विभाग का आभार जताया। कहा कि क्षेत्र की इस ओर से इस नेक काम के लिए वन विभाग का आभार जताते हैं। इस संदर्भ में जल्द ही प्रभागीय वनाधिकारी से मुलाकात करेंगे। नेक कार्य से क्षेत्र उल्लासित है।