10 अगस्त को दिल्ली में महारैली, तैयारियों पर हुई चर्चा

पुरानी पेंशन बहाली के लिए देश के विभिन्न संगठनों द्वारा रामलीला मैदान दिल्ली में होने वाली महारैली को देखते हुए राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड ने एक गूगल बैठक के माध्यम से इसकी तैयारियों एवं सफलता के लिए चर्चा की।

पुरानी पेंशन बहाली के लिए अब आर-पार की लड़ाई होगी और इसे हासिल करके ही हम दम लेंगे। बैठक में उत्तराखंड राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा के केंद्र सरकार को अब सोचना होगा कि कर्मचारी किसी भी हालत में पुरानी पेंशन लेकर रहेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस पर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं रहा तो उसे इसका खामियाजा कर्मचारियों के आक्रोश के रूप में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भुगतना पड़ेगा। आज कर्मचारी इस बात से आहत है के सेवानिवृत्ति पर उसे केवल 1000 या 15 सो रुपए पेंशन मिल रही है। जो कि वृद्धावस्था पेंशन से भी कम है। इस दयनीय स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है?

प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि एक ओर सांसद एवं विधायक पुरानी पेंशन ले रहे हैं तथा जितनी बार वे निर्वाचित होते हैं पेंशन का लाभ प्राप्त करते हैं। जो कि कर्मचारियों के साथ अन्याय है। एक कर्मचारी अपने जीवन का बहुमूल्य समय देश सेवा में गुजार देता है और इस आशा के साथ सेवानिवृत्त होता है कि सेवानिवृत्ति के बाद उसका जीवन पेंशन के सहारे सुखद कट सके।
मंडलीय सचिव गढ़वाल नरेश कुमार भट्ट ने कहा कि यह व्यवस्था शुरू में आकर्षक लग रही थी और कर्मचारियों को भरोसा था कि इससे सेवानिवृत्ति के बाद वे अपने जीवन का यापन अच्छे ढंग से कर सकेंगे।
कुमाऊं मंडल के प्रभारी आनंद सिंह पुजारी ने कहा के 10 अगस्त को दिल्ली में होने वाली महारैली में प्रदेश के प्रत्येक जनपद से हजारों की संख्या में कर्मचारी रामलीला मैदान पहुंचेंगे। कुमाऊं के मंडल अध्यक्ष योगेश घिल्डियाल ने पुरानी पेंशन को एक धोखा बताते हुए कहा कि देश के 6 राज्यों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है जबकि पश्चिम बंगाल द्वारा नई पेंशन योजना को लागू ही नहीं किया गया था तो केंद्र को भी इसे लागू करने के लिए इमानदारी से विचार करना होगा। प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने बताया कि कर्मचारियों से अधिक अंशदान सरकार द्वारा दिया जा रहा है क्यों ना सरकार पुरानी पेंशन लागू कर इस बोझ को कम करे।

अपील की है कि वह 10 अगस्त को अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली पहुंच कर इस महारैली को सफल बनाते हुए अपने पुरानी पेंशन बाहर करने में योगदान दें।
बैठक में अनिल बडोनी,बबिता रानी,राजीव उनियाल,डॉ. योगेश रूहाली, पान सिंह मेहता,दीप जोशी,रश्मि गौड, शशि चौधरी,ज्योति नौटियाल, सीमा पुंडीर,मंजू पुरोहित आदि उपस्थित थे,

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