सिंगोरी न्यूजः पिछले दिनों गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए अपने प्रसंशकों से जो अपील की, उसकी मौलिकता, वास्तविकता, और व्यापकता गजब की रही। खासतौर पर उत्तराखंड के रैबासियों के अलावा प्रवासियों ने भी इसे हाथोें हाथ लिया। सोशल मीडिया पर अपलोड होने के बाद जबरदस्त वायरल हुई नेगीदा ने अपनी इस अपील की जिस संजीदगी के उंचाइयों से शुरूआत की उन्हीं उंचाइयों से आम जन को संबोधन में अपने शब्दों को विराम भी दिया। यानी उस अपील का एक एक शब्द उनके गीतों के प्रत्येक शब्द तरह लोगों के दिलों तक उतर गया। इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि उत्तराखंड और प्रवासियों के दिलांें में नेगीदा वन एंड ओनली हैं। लेकिन हाल ही में जो उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पांच अपै्रल को रात नौ बजे, नौ मिनट बत्ती बुझाकर दिए की रोशनी करने की जो अपील की है उससे उनके प्रसंशक असहज से हैं।
गौरतलब है कि नेगीदा हर एक के दिलों में राज करते हैं। उनकी अपील के मायने भी बड़े होते हैं। तंत्र की अव्यवस्थाओं के खिलाफ नेगीदा पहले से ही आम जन की आवाज रहे हैं। अराजकता के खिलाफ उनकी आवाज जन जन तक पहुुंचती है और यही नहीं सत्ता के सिंहासन डोलते भी हैं। यहां इसके उदाहरण देने की भी आवश्यकता नहीं हैं। लेकिन इस बार की अपील में नेगीदा ने सिर्फ बत्ती बुझाने और दिए की रोशनी करने के साथ ही सैनेटाइजर की प्रज्वलनशीलता का भी ध्यान रखने की बात कही है।
अच्छी बात है कि गढ़रत्न हर दिल अजीज ने देश की एकजुटता का परिचय देने के लिए दिए जलाने की बात की है। लेकिन अच्छा होता कि एक अपील केद्र व राज्य की सरकारों से भी की जाती, जिसमें सिस्टम को दुरूस्त करने की बात होती। अस्पतालों के बदहाल इंतजामों को लेकर भी कुछ शब्द कहे जाते। बहरहाल हर बार की तररह गढ़रत्न की यह अपील भी दूर तलक जायेगी ही लेकिन कुछ प्रसंशकों का मानना है कि अच्छा होता कि इस महामारी के मोर्चे पर सबसे आगे खड़े चिकिःत्सकीय कर्मचारियों को पीपीई जैसे प्राण रक्षा संसाधनों पर ध्यान दिया जाता। पूरा देश दिए जलायेगा इससे उनका हौसला तो जरूर बढ़ेगा। लेकिन बालकनी में जलते दीपों की रोशनी से ज्यादा उन जांबाजों का हौसला तब बढ़ेगा जब उन योद्धाओं के लिए कवच के इंतजामों को पुख्ता और समय रहते सुदृढ़ किया जाता। वैसे उनका हौसला तो चट्टान की तरह मजबूत है जो पीपीई के अभाव में भी नंगी छाती से प्राण घातक कोरोना के मुकाबला करने में कहीं भी पीछे नहीं हो रहे। बहरहाल पांच अपै्रल को, रात नौ बजे, नौ मिनट।