सिंगोरी न्यूजः कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में फतह अब कुछ और आसान हो जायेगी। एक महिला वायरोलाॅजिस्ट के प्रयासों से देश को यह राहत मिली है। इन प्रयासों से अब संक्रमित मरीजों की जांच जल्दी हो सकेगी। कुल मिलाकर जिस जांच में सात से आठ घंटे लगते हैं वह अब ढाई घंटे में ही हो जायेगी।
गौरतलब है कि इससे पूर्व पूरी दुनिया के जानकारी हमारे देश को इसलिए भी मजाक में ले रहे थे कि यहां कोरोना की टेस्टिंग प्रक्रिया लंबी है। जांच की नतीजों में यहां अभी तक अपेक्षाकृत अधिक देरी हो रही थी। लेकिन अब एक वायरोलॉजिस्ट की कोशिशों से यह उम्मीद जगी है कि इस प्रक्रिया में तेजी आयेगी। देश में पहला वर्किंग टेस्ट किट तैयार किया गया है।
अब अपने ही देश में निर्मित पहला कोरोना वायरस टेस्टिंग किट बाजार तक पहुंच गया है। माना जा रहा है कि संदिग्धों के बढ़ते मामलों में अब इसके जरिए कोविड-19 के मरीजों की पुष्टि जल्द हो पाएगी. पुणे की मायलैब डिस्कवरी भारत की पहली ऐसी फर्म है जिसे टेस्टिंग किट तैयार करने और उसकी बिक्री करने की अनुमति मिली हैै। बताया जा रहा है कि इस किट की कीमत 1200 रूपया है जबकि विदेशों यह किट 4500 से 5000 रूपए तक आयात की जा रही है।
बता दें यह मॉलिक्यूलर डायगनॉस्टिक कंपनी, एचआईवी, हेपाटाइटिस बी और सी सहित अन्य बीमारियों के लिए भी टेस्टिंग किट तैयार करती है। जानकारों के मुताबिक मायलैब की प्रत्येक किट से 100 सैंपलों की जांच हो सकती है। इस किट की कीमत 1200 रुपये है, जो विदेश से मंगाए जाने वाली टेस्टिंग किट के 4,500 रुपये की तुलना में बेहद कम है.
मायलैब डिस्कवरी की रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख हैं वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोसले, इन्हीं को इस उपलब्धि का श्रेय जाता है। मीनल के अनुसार हमारी किट कोरोना वायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेश से आने वाले किट से जांच में छह-सात घंटे लगते हैं। बताया जा रहा है कि मीनल ने इस अहम कार्य को पूरा करने के बाद एक गर्ल बेबी को जन्म दिया है। इस मातृशक्ति को सलाम।