अब ख्याति की रोशनी में जगमाएगा ‘सालम का रण’

देहरादून/अल्मोड़ा, वो ‘सालम का रण’ जहां बलिदानियों ने अदम्य साहस दिखाते हुए ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष की लौ जलाई, गर्दन झुकाकर गोरों का जुल्म सहते आ रहे निरीह भारतवासियों में जागृति का संचार किया। लेकिन हैरानी है कि अपने प्रदेश तक में अधिकांश लोगों को यह पता नहीं है कि देश की आजादी में सालम की क्या भूमिका रही। अच्छी खबर यह है कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत की सकारात्मक सोच से अब पुरानों के साथ साथ नई पीढ़ी भी सालम के रण के बारे में जान पाएगी। इस रण में जान पर खेलने वाले जांबाज अब गुमनामी के अंधेरों से बाहर ख्याति की रोशनी जगमगाएंगे। स्कूल कॉलेज की किताबों में इस संघर्ष को अब जगह मिलने वाली है। यानी उन्हें वह सम्मान मिलने वाला है जिसके वह हकदार थे।जिससे यह रण प्रदेश के साथ देशभर सामने आ सकेगा।
बलिदानियों की ऐसी दिलेरी के सम्मान में कवि लिखता है कि रे तलवार तुझे झुकना होगा गर्दन ने बगावत कर ली है

आज जनपद प्रभारी मंत्री तथा चिकित्सा, शिक्षा , उच्च शिक्षा सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने तहसील जैंती के धामदेव में आयोजित सालम क्रांति दिवस में प्रतिभाग किया और यहां शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद नर सिंह एवं टीका सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि इस क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी नर सिंह और टीका सिंह ने अग्रेजों से लड़ते हुए 25 अगस्त 1942 को इस स्थान पर बलिदान दिया था। उनकी बरसी पर हर साल धामदेव में यह दिवस मनाया जाता है।
इस दौरान प्रभारी मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत 45.71 लाख रुपए की लागत से सालम ,जैंती में बने शहीद स्मारक का लोकार्पण भी किया तथा शहीद नरसिंह धानक एवं शहीद टीका सिंह की प्रतिमाओं का अनावरण भी किया।
इस दौरान प्रभारी मंत्री ने कहा कि सालम क्रांति देश एवं दुनिया में विशेष स्थान रखती है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए जैंती क्षेत्र का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आने वाले दिनों में सालम क्रांति में शहीद नरसिंह धानिक एवं शहीद टीका सिंह के बलिदान को कक्षा 12 तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सालम क्रांति शहीद स्मारक के विभिन्न कार्यों को करने हेतु 25 लाख रुपए भी अवमुक्त किए जाएंगे। प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए लगातार सरकार महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि 6 से 12 तक की कक्षा के बच्चों को 70 प्रतिशत या उससे ऊपर नंबर लाने पर सरकार द्वारा छत्रावृति की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि जैंती अस्पताल में 1 करोड़ रुपए की लागत से व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा तथा डिग्री कॉलेज जैंती को भी 5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, जिससे व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा सके।
इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के आश्रितों को अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया।

यहां पहुंचे पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देश की आजादी के स्वतंत्रता संग्राम में वीर शहीदों को याद करते हुए कहा कि सालम की धरती वीरों की धरती है। साथ ही कहा कि देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूल पाएगा। ।
इस अवसर पर यहां पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक अल्मोड़ा मनोज तिवारी, बीजेपी जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा, डीसीबी चेयरमैन ललित लटवाल, ब्लॉक प्रमुख विक्रम सिंह बगड़वाल, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, उपजिलाधिकारी जैंती एनएस नगन्याल, तहसीलदार बरखा जलाल सहित अन्य उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन प्रताप राम ने किया।

जानिए क्या है सालम का रण
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आठ अगस्त 1942 में बांबे में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में भारत छोड़ो का नारा दिया। जिसके बाद पूरे अल्मोड़ा जिले में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गए। सालम में हुए आंदोलन में दो वीर सपूतों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपना बलिदान दिया। आंदोलन को सालम क्रांति नाम दिया गया। जिसके बाद जगह-जगह आंदोलन हुए।

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