सेना से गहरा लगाव रखते हैं सीएम त्रिवेंद्र


प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आइ.टी.बी.पी. कैम्प कोपांग तथा 9 वीं बटालियन बिहार रेजिमेंट, उत्तरकाशी में जवानों के साथ दीपावली मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने सेना के जवानों का उत्साह वर्धन किया। सम्मान से गदगद सेना के जांबाजों का जोश भी देखते ही बना।
हर्षिल जैसी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात जांबाजों का हौसला बढ़ाने को सीएम त्रिवेंद्र के अलावा सूबे का कोई और मुख्यमंत्री तो भले ही नहीं पहुंचा हो, लेकिन सीएम त्रिवेंद्र सेना के सम्मान में वहां जाते रहे हैं। दीपावली पर यह मिलन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सेना के प्रति उनके लगाव भी दर्शाता ही है, चीन सीमा पर उपजे तनाव के चलते तो सीएम के इस उत्साहवर्द्धध मायने और भी भी अहम रहे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ंिसह रावत सैन्य परिवार से हैं। कार्यक्रम चाहे राजनैतिक हो या सांस्कृतिक या अन्य कोई भी, अक्सर मंचों से भी वह इस बात को बड़े गर्व के साथ कहते हैं कि मैं एक फौजी का बेटा हूं। तब उनके भीतर के देश भक्ति के जज्बे को साफ देखा जा सकता है। उत्तराखंड को सैन्य धाम बनाने की दिशा में पहल करना भी उनकी बड़ी उपलब्धियों में है। बात चाहे देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हुई वन रैंक वन पेंशन की हो या फिर सेना के जांबाजों को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं की। त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में चल रही उत्तराखंड सरकार सेना के सम्मान को लेकर हर वक्त ही बेहद गंभीर रही। दीवाली पर आईटीबीपी के कैंप में जवानों से मिलन पूरे प्रदेश के लिए भी गौरव करने वाली बात है।
हर्षिल के सौंदर्य की बात करें तो यहां प्रकृति ने कई नेमतों को बिखेरा है। बेशुमार सौंदर्य. देवदार के घने जंगल, हिमाच्छादित चोटियां और पहाड़ों पर पसरे हिमनद. कहीं शांत तो कहीं कल कल करती जीवनदायनी भागीरथी, यह यहां के अलौकिक नजारे हैं। लेकिन यह नजारे आज और भी सुरम्य और रोमांचक हो उठे जब उल्लास के पर्व पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सेना के जांबाजों का उत्साहवर्द्धन किया।
समुद्रतल से करीब 7,860 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सैनिक छावनी का रोमांच और जोश आज देखते ही बना। वह छावनी जिसके जिम्मे चीन और तिब्बत सीमा की निगरानी है। गलवान घाटी में हुए घटनाक्रम के बाद से भारत चीन सीमा तनाव अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ। ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का सेना के साथ दीवाली मनाने का यह कार्यक्रम देश की जोशीली सेना के जोश को और दोगुना कर गया। सेना के जवानों के फूले हुए सीने इस बात की तस्दीक कर रहे थे कि उनके लिए यह सम्मान कितना अहम और उत्साहजनक रहा। सेना के प्रति लगाव और आत्मीयता सीएम त्रिवेेंद्र रावत की खूबियों में है। इसमें कोई दो राय भी नहीं हैं।

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