सिंगोरी न्यूज चीनी राष्ट्रपति से भारत के प्रधान मंत्री अपने कार्यकाल में 18 बार मिल चुके हंैं। लेकिन हासिल शायद कुछ नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद चीन के साथ संबंधों की शुरुआत गर्मजोशी से की थी. 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कम से कम 18 बार मुलाक़ात हो चुकी है. इन मुलाक़ातों में वन-टू-वन मीटिंग के अलावा दूसरे देशों में दोनों नेताओं के बीच अलग से हुई मुलाक़ातें भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री रहते हुए मोदी पाँच बार चीन के दौरे पर गए हैं. पिछले 70 सालों में किसी भी एक प्रधानमंत्री का चीन का यह सबसे ज्यादा बार चीन दौरा है.
पिछले साल दोनों नेताओं की महाबलिपुरम में अनौपचारिक मुलाक़ात हुई थी. 2019 में दोबारा पीएम बनने के बाद मोदी की शी जिनपिंग से यह तीसरी मुलाक़ात थी. 1993 के बाद से दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल को लेकर बात शुरू हुई ताकि सीमा पर शांति बनी रहे.
चीन के साथ 90 के दशक में रिश्तों की बुनियाद 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के चीन दौरे से रखी गई. 1993 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसमिम्हा राव चीन दौर पर गए थे और इसी दौरान उन्होंने चीनी प्रीमियर ली पेंग के साथ मेंटनेंस ऑफ पीस एंड ट्रैंक्विलिटी समझौते पर हस्ताक्षर किया था. यह समझौता एलएसी पर शांति बहाल रखने के लिए था. साभार