सिंगोरी न्यूजः कंडोलिया का ग्राउंड तो उसके लिए घर के आंगन की तरह रहा। और उसी ग्राउंड से उसने कम उम्र में ही फुटबाॅल की उन उंचाईयों को छुआ जो अक्सर बूते से बाहर होती हैं। आज खेल दिवस है, इस अवसर पर और तो कह नहीं सकते लेकिन कंडोलिया ग्राउंड से लेकर हर फुटबाॅल का प्रेमी तुम्हें जरूर याद कर रहा होगा दिवंगत स्टार फुटबाॅलर कैली उर्फ रोहित नेगी।
फुटबाॅल का गढ़ कहे जाने वाले पौड़ी में कैली एक ऐसा खिलाड़ी रहा जिसने खेल प्रतिभा के साथ ही फुटबाॅल की तकनीकी के साथ साथ खुद को उसी रफ्तार से आगे बढ़ाया। जिसकी जब जब जिस जिस तरह से जरूरत हुई। कंडोलिया मैदान से उठे इस सितारे को कक्षा पांचवीें के बाद से ही महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कालेज देहरादून आने का अवसर मिला। और यहां से फुटबाॅल के इस दिग्गज फुटबाॅलर की रफ्तार में दिनों दिन तेजी आती गई। कंडोलिया मैदान की विराटता और जज्बे ने फुटबाॅल तो मानो उसके भीतर कूट कूट कर भर दिया था।
महाराणा प्रताप स्पोट्र्स हास्टल में में उसके खेल में जबरदस्त निखार आया है। और वह देश की राजधानी समेत अन्य प्रांतों में भी लोकप्रिय फुटबाॅलर के रूप में पहचाने जाने लगा। कम उम्र ही में उसका नाम फुटबाॅल के दिग्गजों में शामिल हो गया। देहरादून से ही उसका चयन मोहन बागान की टीम के लिए तब हुआ जब वह अंडर 16 खेलता था। उसके बाद तो फिर उसकी ख्याति कई गुना तेजी से फैली।
रोहित नेगी दिल्ली के प्रसिद्ध क्लब गढ़वाल हीरोज एफसी के लिए खेला। उत्तराखंड के अलावा दिल्ली और झारखंड में सबको अपने शानदार प्रदर्शन से प्रभावित कर लिया। फुटबॉल एकेडमी झारखंड में भी अपना जलवा बिखेरा। देहरादून फुटबॉल लीग चैंपियन दून स्टार फुटबॉल अकादमी समेत कई क्लब और अकादमी हैं जो कैली के मुरीद रहे। जाहिर तौर फुटबाॅल की बारीकियों से लेकर अपने मिलनसार स्वभाव के बूते कैली देश में जिस तेजी के साथ बढ़ रहे थे,वह सीधे तौर पर फुटबाॅल की दुनिया के उंचे मुकाम के संकेत थे। लेकिन इससे पहले ही नियति ने फुटबाॅलर के इस रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए।
दुर्भाग्य रहा कि तेजी से दौड़ते फुटबाॅल के इस सितारे की रफ्तार पर एक सड़क दुर्घटना ने अचानक बे्रक लगा दिए। और कडोलिया के ग्राउंड से शुरू होकर देश में फैलता इस स्टार फुटबाॅलर का सुनहरा सफर यहीं खत्म हो गया। खेल के कई बड़े संस्थानों और दिग्गजों ने इस शोक जताया। वाकई वह फुटबाॅल जगत में कैली जैसी प्रतिभाओं के यूं चले जाने से जो रिक्तता आई है उसे कभी पाटा नहीं जा सकता। खेल दिवस पर तुम्हारी कमी कई जगहों पर जरूर खल रही होगी प्रिय कैली।