सिंगोरी न्यूजः प्रदेश सरकार ने हाल ही में 17 कार्यकर्ताओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। उन में से एक हैं पौड़ी की सुषमा रावत। उन्हें महिला सर्तकता समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। जितना उनका राजनैतिक सफर है समाज हितों के लिए उनके प्रयास उससे भी पहले से रहे हैं। पूर्व में जिलाध्यक्ष समेत प्रदेश स्तर पर भी उन्होंने पार्टी के कई पदों पर रहकर बखूबी अपनी जिम्मेदारियां निभाई हैं। उनके सम्मान से पूरे क्षेत्र गदगद है। लोगों का कहा कि यह पूरे क्षेत्र की मातृशक्ति का सम्मान है। महिला दिवस पर इस सम्मान की बात करना और भी अहम हो जाता है।
राज्यमंत्री श्रीमती सुषमा रावत का जन्म 8 अगस्त 1960 को जम्मू कश्मीर के युवल कैंप में हुआ। इनके पिताजी स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह बिष्ट जी गढ़वाल राइफल में हवलदार, माता स्वर्गीय श्रीमती भगवना देवी ग्रहणी थी। इनकी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। 1979 में ग्राम कुंजेठा निवासी श्री भगवान सिंह रावत जी से इनका विवाह हुआ। इनकी तीन बेटियां और एक बेटा है।
एक समय था जब गढ़वाल क्षेत्र में शराब का बहुत अधिक प्रचलन था। नशाखोरी से बड़ी तादाद में लोग और खासतौर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही थी। तो यह बात सुषमा रावत से देखी नहीं गई। शराब उन्मूलन को चल रहे आंदोलन में वह कूद गई। शराब के विरोध में उन्होंने बड़ा संघर्ष किया। सन 1988 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम शुरू कर दिया। गढ़वाल क्षेत्र में चलने वाली लाटरी के कारण बर्बाद हो रहे जनमानस को बचाने के लिए हुआ संघर्ष और पशु बलि के विरोध में भी उनकी भूमिका अहम रही।
राजनैतिक सक्रियता के साथ ही सुषमा रावत रचनात्मक प्रवृति की भी हैं। उन्होंने सन 1998 में शैलजा सामाजिक समिति का गठन किया। तब से ही उनका सृजनाशीलता का सफर शुरू हो गया था। सांस्कृतिक सेवा के इस सफर में उन्होंने कई नवोदित कलाकारों को अपनी समिति से जोड़ा और उन्हें दक्ष करके कला के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति देश विदेशों में पहुंचाने का काम भी बखूबी किया है। कला के क्षेत्र में उनको अपनी संस्कृति को और आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिला और उन्होंने विभिन्न मंचों में अनेक रूपों व पात्रों के दौरान अपनी अभिनय कला का प्रदर्शन भी किया। संस्कृति संवर्द्धन और कला के इस क्षेत्र में भी उन्हें खासी ख्याति मिली है।
सुषमा रावत को प्रदेश सरकार ने राज्य मंत्री दर्जा महिला सतर्कता समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। समाज हित में उनकी क्रियाशीलता के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है। उनका कहना है कि समाज सेवा ही उनकी प्राथमिकता में है। सेवा के जरिए ही पार्टी के दायित्वों को भी बखूबी निर्वहन किया जाता है। उनको मिले इस सम्मान से क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा जन सामान्य मंे भी खुशी की लहर है।