देहरादून जिलाधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती सोनिका ने स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत निर्माणधीन दून लाईब्रेरी एवं परेड ग्राउण्ड का निरीक्षण…
संपादकीय
पौड़ी में विधिक जागरूकता शिविर 30 अप्रैल को
उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी गढ़वाल द्वारा आगामी 30 अप्रैल,2022…
शहीद जांबांजों को दी श्रद्धांजलि
शहीद जांबांजों को दी श्रद्धांजलि सूबे में दमकल विभाग 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक अग्निशमन सेवा सप्ताह मना…
अल्प संख्यक आयोग की बैठक 10 को
अल्प संख्यक आयोग की बैठक 10 को देहरादूनः सचिव उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग ने अवगत कराया है कि माननीय उत्तराखण्ड…
भाई जी मैंने बोला था ना, एक भी प्रोजेक्ट नहीं बचेगा
उफनाती नदियों के इस मौसम में मनोज जुयाल की याद आ जाती है। उत्तरकाशी के पास गंगोरी में उसका…
आप अपने व्यवहार का चयन स्वयं कीजिए
रामायण और महाभारत में समय समय पर कुछ अंश मिलाये और कुछ हटाये गए हैं. एक ही श्लोक कई…
गढ़वाली,हिंदी साहित्य के ज्योतिपुंज सुदामा प्रसाद ‘प्रेमी’ जी की पुण्य तिथि पर पुष्पाजंलि
वृक्ष की सबसे बृहद शाखा पर मात्र वृक्ष का ही नहीं अपितु चराचर जगत का भी विश्वास टिका होता…
जीत का मंत्र, लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए ध्यान सिर्फ लक्ष्य पर हो
एक समय बात है, एक तालाब में बहुत सारे मेंढक रहते थे। सरोवर के बीच में एक बहुत पुराना…
लोक भाषा के साहित्यकारों को सरकार करेगी सम्मानित
सिंगोरी न्यूजः साहित्यकारों व साहित्य प्रेमियों के लिए अरसे बाद प्रदेश से एक अच्छी खबर आई है। यह खबर…
मातृभाषा दिवस पुत्र तर्क-वितर्कों में मस्त, मां एक कोने में बेबस!
आज मातृभाषा दिवस अर्थात 21 फरवरी नियत तिथि! किंतु कैसे भूल सकते हैं नियति की वह परिणति जो इसी…
‘ब्याळि’ अर ‘भोळ’ गढ़वाली भाषा के दो शब्द हिन्दी भाषा के लिए!
कल ! आगत या विगत? आगे शब्द जोड़ना ही होगा। कह नहीं सकते कि यह हिन्दी भाषा की कमजोरी…
ये ! ज्ञान के कठैत !
एक क्षण आप भी ठिठक गये होंगे कि ज्ञान तो ठीक है किंतु इस वाक्य में ये ‘कठैत’ क्या…
‘प्रताप शिखर’ हेंवल से निकला साहित्य, संस्कृति, जनसेवा का एक भगीरथ!
खाड़ी! इस शब्द का उल्लेख होते ही बुद्धि सीधे बंगाल की खाड़ी दौड़ जाती है। किंतु क्षमा करें यह…
पाड़ मा राम कबि हरदा नी, अर राबण कबि म्वर्दू नी!
उमुर रै ह्वलि यि क्वी पांच छयेक साल! लम्बू कोट, झकमझोळ सुलार! रकड़म-रकड़म बड़ो दगड़ा कदमताल! बीच बाटा मा…
गढ़वाली साहित्य की ‘वसुधारा’
सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य के सृजन में कई साधकों ने अपना योगदान किया। हरिदत्त देवरानी उनमें एक हैं। उन…
गढ़वाली साहित्य का ब्वाडा
सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य में आज की किताब मेरो ब्वाडा है। इसके लेखक पूरन पंत पथिक जी हैं। पथिक…
गढ़वाली साहित्य सृजन का ‘उमाळ’
सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य सृजन के बारे में आज की किताब का नाम उमाळ है। ये प्रयास तब हुए…
सुुदामा जी! हमारी अकर्मण्यता के कारण आपकी ‘मधु कुंज’ भी टूट गई!
कृष्ण के सुदामा हमनें नहीं देखे। वे कितने विद्धत थे हम यह भी नहीं जानते। लेकिन जो सुदामा हमारे…
साहित्य सेवा में ‘क्या गोरी क्या सौंळी’
सिंगोरी न्यूजः यहां एक ऐसे साहित्य साधक का जिक्र हो रहा है जिन्होंने वह दुरूह सफर तय किया जिसकी…
आज की किताब ”अग्याळ”
सिंगोरी न्यूजः गढ़वाली साहित्य सृजन के साधकों को नमन करते हुए आज की पुस्तक अग्याळ है। अग्याळ एक कविता…