अच्छी खबरः अब पाठ्य पुस्तकों में भी सजेंगे देवभूमि के गौं गुठ्यार

 

हरिद्वार/देहरादूनः खबर अच्छी है। यह शिक्षा और खास तौर पर पढ़ने लिखने वाली नई पीढ़ी को उनकी जड़ों से रूबरू कराते संदर्भों से जुड़ी है। अब बच्चे अपनी पाठ््य पुस्तकों में ही अपने आसपास की विशेषताओं व एतिहासिक घटनाओं के बारे में भले से जान सकेंगे।
जी हां, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उत्तराखंड दौरे पर आए और उन्होंने पाठ्य पुस्तकों में स्थानीयता को तवज्जो देने की बात कही। उससे साफ है कि आने वाले दिनों में यहां स्कूली पाठ्यक्रमों में स्थानीयता के रंग निखरेंगे। केंद्रीय मेंत्री ने हरिद्वार में राज्य में एनईपी-2020 के क्रियान्वयन एवं अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों को लेकर प्रदेश के उच्च एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग की बैठक ली। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की उपस्थित में हुई इस बैठक में के बिंदुओं पर चर्चा की गई।

सूबे शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश भ्रमण पर आये केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हरिद्वार में उच्च एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक में विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कक्षा 1 से लेकर 12 तक कि पाठ्य पुस्तकों को स्थानीय संदर्भों को समाहित करते हुये तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसके अलावा उन्होंने बाल वाटिका के संचालन को लेकर कुछ जरूरी निर्देश दिये।
डॉ रावत ने बताया कि बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री को राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में चलाये जा रहे सभी कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया गया साथ ही नई शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की भी विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि शिक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के बीच उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से राज्य में समग्र शिक्षा के बजट में वृद्धि, वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य की समस्त पाठ्यपुस्तकों एवं राज्य के शिक्षा ढांचे को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में संचालित करने का आग्रह किया। इसके अलावा उच्च शिक्षा के तहत दो मॉडल महाविद्यालय एवं टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना का अनुरोध किया। जिस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री अपनी सकारात्मक स्वीकृति प्रदान की। डॉ रावत ने बताया कि बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की साथ ही उन्होंने एनईपी-2020 की अनुशंसा के तहत शिक्षा विभाग द्वारा तैयार “हमारी विरासत एवं विभूतियां” पुस्तकों की भी जमकर तारीफ़ की।

बैठक में निदेशक उच्च शिक्षा प्रो अंजु अग्रवाल, संयुक्त निदेश व प्रभारी रूसा प्रो ए एस उनियाल, प्रभारी निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ मुकुल सती, प्रभारी निदेश बेसिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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