सिंगोरी न्यूजः गढ़वाल केंद्रीय विवि के पौड़ी परिसर के छात्र नेताओं ने ज्ञापन प्रेषित कर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के समक्ष छात्र हित की कुछ मांगें रखी हैं। यही मांगें प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री के समक्ष भी रखी गई। लेकिन वहां से शायद मायूसी मिली, तो केंद्र का दरवाजा खटखटाया गया। प्रेषित ज्ञापन में छात्रसंघ सचिव गोपाल नेगी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आशीष नेगी, पूर्व विवि प्रतिनिधि मोहित सिंह, छा. नेता अंकित सुंदरियाल, दीपक नौटियाल, संजना गुजराल, निशा ममगाई के दस्तखत हैं।
ज्ञापन में छात्र नेताओं ने कहा कि पौड़ी जैसे दुर्गम क्षेत्र का परिवेश अपने आप में विकट है। यहां आॅनलाइन प़ढ़ाई मात्र औपचाकिता भर है। ऐसे में एक्जाम कराना किसी भी सूरत में तर्क संगत नहीं है। गढ़वाल विश्वविद्यालय के द्वारा प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को प्रमोट किए जाने का जो निर्णय लिया जा रहा है, हालांकि उस पर अभी कुलपति की मुहर लगनी है। उसी तरह तृतीय वर्ष के छात्र छात्राओं को भी प्रमोट कर उर्तीण किया जाए।
एक मसला यह है कि प्रमोट किए जाने की स्थितियों में परीक्षा शुल्क लेने का भी कोई औचित्य नहीं होता। जिन छात्रों से परीक्षा शुल्क लिया गया है उनका शुल्क अगली कक्षाओं में समायोजित हो और अंतिम वर्ष वाले छात्रों का जमा शुल्क उन्हें वापस दिया जाए। कहा कि लाॅकडाउन की स्थितियों में आॅफलाइन परीक्षा तो किसी सूरत में इसलिए भी संभव नहीं है कि दूर दराज से आने वाले परीक्षार्थियों को पहले क्वारंटीन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। और आॅनलाइन में पढ़ाई की औपचारिकता में किसी भी छात्र छात्रा की कोई तैयारी नहीं है। ऐसे मंे प्रमोट ही एकमात्र समुचित और एकमात्र विकल्प है।
एक और बात जो इन छात्र नेताओं ने कही है कि यदि कोई भी छात्र छात्रा किसी कारणवश परीक्षा फॉर्म भरने से छूट गया हो तो उसको उत्तीर्ण किया जाए व सामान्य स्थिति होने पर काॅलेज खुले तो वो फार्म भरने की आॅपचारिकताएं पूरी कर सके।