कृषि मंत्री ने नई दिल्ली में एग्री पंचायत कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

नई दिल्ली, प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को नई दिल्ली में कृषि की वर्तमान चुनौतियों, नीतियों और समाधान” विषय पर आयोजित एग्री पंचायत कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य उपस्थित अतिथियों द्वारा अपने सुझाव और विचार साझा किए।

इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद करते हुए कहा कि जिनके कुशल निर्देशन एवं नेतृत्व में भारतवर्ष के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी कृषि एवं औद्यानिक फसलों को बढ़ावा देते हुए कृषकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने हेतु निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिनके निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य में कृषि और औद्यानिकी का समग्र विकास करते हुए कास्तकारों की आय में गुणात्मक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषकों को हित एवं उनकी आय को दौगुनी करने के उद्देश्य से स्टेट मिलेट मिशन, प्राकृतिक खेती, कृषि यंत्रीकरण, जीआई टैग सिंचाई प्रणाली, कृषि ड्रोन जैसे अहम योजनाओं का क्रियान्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा किसानों की मांग और अधिक पैदावार को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड में क्लस्टर खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं के अन्र्तगत 264 कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गठन किया जा चुका है। जैविक कृषि के क्षेत्र में प्रदेश सरकार को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कई बार जैविक इण्डिया अवार्ड प्राप्त हुआ है। मिलेट सेक्टर में भी बेहतरीन प्रदर्शन करने पर राज्य को आईआईएमआर हैदराबाद द्वारा पुरुस्कृत किया गया है।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में मिलेट मिशन के अधीन प्रति राशन कार्ड 01 किलो मण्डुवा वितरण किया जा रहा है। पिछले वर्ष कृषकों से लगभग 20 हजार कुन्टल मण्डुवा न्यूनमत समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा गया है। रागी का न्यूनमत समर्थन मूल्य रुपये 38.46 से बढ़ाकर रुपये 42.90 करने पर मंत्री ने भारत सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कृषि, राज्य की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है. यहां की 70 फीसदी से ज्यादा आबादी के लिए कृषि ही आजीविका का मुख्य ज़रिया है। उत्तराखंड में लगभग 08 लाख हेक्टेयर खेती योग्य जमीन है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 16 फीसदी है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में जैविक खेती के तहत 02.30 लाख हैक्टेयर आच्छादित किया जा चुका है, जो प्रदेश की कुल कृषि क्षेत्रफल का 38 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्थानीय फसलों को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए राज्य के 25 उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किया जा चुका है। (लाल धान, बेरीनाग चाय, गहत, मंडुवा, झंगौरा, बुंराश जूस, काला भट्ट, चौलाई, मास्क, माल्टा इत्यादि)
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा मातृशक्ति को आर्थिक रुप से सुदृढ़ करने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चलायी गयी योजना नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम के तहत 28 ड्रोन वितरित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सेब उत्पादन की दृष्टि से जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश के उपरान्त उत्तराखण्ड का स्थान है, हमारी सरकार ने सेब की अति सघन बागवानी योजना प्रारम्भ की है, जिसके अन्तर्गत बागवानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 800 करोड़ की लागत से 5000 हैक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित कर 50,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 211 एकड़ में सेब के अति सघन बागानों की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से सब्जी एवं फूलों की खेती के लिए 80 प्रतिशत अनुदान पर क्लस्टर में छोटे पॉलीहाउस स्थापित किये जाने के लिए रू० लगभग 300 करोड़ का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। सरकार इसपर भी प्राथमिकता पर कार्य कर रही है।

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