सिंगोरी न्यूजः सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी कमाल के हैं। अब ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा। उस ई विधान सभा का स्वरूप कैसा होगा, इसका फिलहाल तो कोई पता नहीं लेकिन पता नहीं क्यों यह बात आम जन के भी सिर से कई उपर बताई जा रही है। माना जा रहा है कि वहां विधान सभा जो होगी वो आॅनलाइन होगी। लोग इसे सूबे के सीएम त्रिवेंद्र का नया शिगूफा मान रहे हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएम त्रिवेंद्र ने पर्यावरण का संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बताया। बहुत अच्छी बात है। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य की पर्यावरण रिपोर्ट की बुक का विमोचन भी किया। लेकिन गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाए जाने की कुछ समझ में नहीं आई।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा। उत्तराखण्ड सरकार ने ई-कैबिनेट की शुरूआत की है। हमने अपने ऑफिसों को ई-ऑफिस बनाने का निर्णय लिया। अभी 17 कार्यालय, ई-ऑफिस हो गये हैं। प्रयास है कि राज्य के ब्लॉक स्तर तक जितने भी कार्यालय हैं, इनको ई-ऑफिस बनाया जाय।
सीएम त्रिवेंद्र की यह बात हर किसी को समझ से परे ही लग रही है। पहले जब मुख्यमंत्री ने गैरसैण में हुए विधान सभा सत्र में गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया तो यह सवाल उठे कि आखिर उसका ढांचा क्या है। कहीं कोई रोडमैप या खाका खींचा गया। लेकिन कुछ नहीं। तब वह इतनी तैयारी में गए थे कि किसी को कुछ पता ना होने के बाद भी वहां घोषणा के तुंरत बाद ही मिष्टान वितरित हो गए। खैर तब एक ग्रीष्मकाल तो आ ही गया है। लेकिन अभी तक इसकी रूपरेखा तक आगे नहीं सरक पाई है। हो सकता है इस बीच कोरोना की जंग की व्यस्तता रही हो। लेकिन अब सीएम त्रिवेंद्र ने गैरसैण में ई विधान सभा की बात एक नई बहस शुरू कर दी है। विपक्ष भी शिगूफे को लपकता हुआ नजर आ रहा है।