सिंगोरी न्यूजः चार सितंबर को सूबे के सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में एक बेहद संवेदनशील और उजड़ते गांवों को प्राण देने वाले उस प्रस्ताव भी मुहर लगी जो दुर्गम गांवों में संचार का उजियारा फैलायेगा। उजड़ते गांवों को संजोने की दिशा में त्रिवेंद्र सरकार का यह कदम अहम तो है ही साथ ही टूटती उम्मीदों को संजोने और कई मायनों में संवेदनाओं को छूने वाला भी। कैबिनेट में निर्णय हुआ कि दूरस्थ गांवों में मोबाइल टाॅवर लगाने को प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह बात शहर या संचार से आच्छादित क्षेत्रों के लिए कुछ हल्की जरूर लग सकती है। लेकिन उन गंावों के ग्रामीणों की मौजूदा स्थिति पर मंथन होगा, तो साफ हो जायेगा कि सीएम त्रिवेंद्र की कैबिनेट का यह निर्णय कितना अहम है।
कल्पना उन गांवों के ग्रामीणों और वहां की नई पीढ़ी की कीजिए, जहां अभी तक संचार की जगमग की जगह घुप्प अंधेरा है। संचार क्रांति में दुनिया कहां पहुंच गई और सूबे के दुर्गम क्षेत्र अभी मोबाइल तक के बारे में नहीं जानते हैं। और जानते भी कहां से, किसी ने उन्हें इस धारा से जोड़ने के प्रयास ही नहीं किए। उम्मीद की जानी चाहिए सीएम त्रिवेंद्र के इस पहल से अंधियारे में जी रहे ग्रामीणों के जीवन में भी संचार की रोशनी फैलेगी। वहां की नई पीढ़ी भी वक्त के साथ कदम से कदम मिला सकेगी। पिछड़ों को आगे बढ़ाने की सोच के लिए नियंताओं का साधुवाद।
इसके अलावा प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कुल जमा 30 प्रस्तावों पर चर्चा हुई ओर 28 पर कैबिनेट ने पक्की मुहर लगाई। इनमें मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना, पर्यटकों के लिए पर्यटन प्रोत्साहन कूपन योजना, उपनल में नौकरी, विधायकों के वेतन एवं भत्तों में कटौती संशोधन विधेयक, केदारनाथ में हेलीपेड, आईटी की नीति में संशोधन, राजकीय महाविद्यालयों में 494 गेस्ट टीचरों का कार्यकाल बढ़ाने, साहित्य कला परिषद की सेवा नियमावली में संशोधन समेत कुल जमा 28 प्रस्तावों पर त्रिवेंद्र कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई है।