सिंगोरी न्यूजः जैसा कि तय था, मान लो वैसा ही हो जाता। तो लगातार बढ़ रही इस वैश्विक महामारी के काल में स्थितियां जाने क्या हो जाती। लेकिन इसे सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का बेहतर प्रबंधकीय कौशल ही कहा जायेगा कि उनके कहे पर धरती के भगवान कहे जाने वाले डाक्टर अब नियमित रूप से काम पर डटे रहेंगे। आंदोलन का मूड उन्होंने अब पूरी तरह से बदल लिया है।
गौरतलब है कि एक दिन का वेतन काटने, पीजी करने वाले डाक्टर को पूरा वेतन देने समेत उत्तराखंड में अपनी कुल जमा पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के बैनर तले डॉक्टर आंदोलनरत हैं। फिलहाल बीते एक सप्ताह से वह अपनी शर्ट की बांह पर काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जता रहे हैं। लेकिन आने वाले मंगलवार यानी आठ सितंबर से को धरती के इन भगवानों ने सामूहिक इस्तीफे तक की चेतावनी दी थी। जो बड़ी चिंता का कारण था। ऐसे में विकट स्थितियों का सामना होना तो तय लग रहा था। इससे पूर्व पीएमएस के मानमनौव्वल के जरूर तो प्रयास हुए लेकिन उससे तो बात नहीं बनी। आज डाक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष अपनी बात रखी। तो वहां से उन्हंे बेहतर रिस्पांस मिला, और उन्होंने सहर्ष ही आठ सितंबर से होने वाले आंदोलन को पूर्ण रूप से स्थगित कर दिया है। जाहिर तौर पर यह पूरे प्रदेश के लिए राहत की खबर है। और खासतौर पर तब जब कोविड 19 का संक्रमण का फैलाव दिनों दिन तेज हो रहा है। इसे सीएम त्रिवेंद्र का बेहतर प्रबंधकीय कौशल ही कहा जायेगा।