देहरादूनः विधान सभा के कायदों में साफ है कि किसी भी राज्य में साल भर में सत्र कम से कम साठ दिन चलना चाहिए। ताकि क्षेत्रों से चुनकर आए विधायक अपने प्रश्न रख सकें, उठा सकें। लेकिन उत्तराखंड में ऐसा हो नहीं रहा। यही बात प्रदेश कांग्रेस जनों को अब खटकने लगी है। राजधानी के गांधी पार्क में कांग्रेस ने एकदम नए अंदजा में अपनी ओर ध्यान खींचा। यहां एक नुक्कड़ नाटक हुआ जिसमें सत्ताधारी दल आईना दिखाया गया।
डमी विधान सभा में आमने सामने आए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक
अनोखे ढंग से हुए इस प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व राष्टीय सचिच प्रकाश जोशी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजपाल सिंह बिष्ट ने किया। यहां सत्ता पक्ष को आइना दिखाने के लिए बाकायदा एक डमी विधानसभा गठित की गई। इसमें विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सत्ता पक्ष और विपक्ष के डमी विधायकों ने विधानसभा सत्र का एक हिसाब से मंचन किया।
मंचन में गिनाए वर्षवार विधान सभा सत्र के दिवस
शानदार प्रस्तुति में विधानसभा की नियामावली के अनुसार किसी भी राज्य में वर्षभर में विधानसभा सत्र 60 दिन चलना चाहिए। जबसे भाजपा सत्ता पर काबिज हुई है सत्र की अवधि लगातार कम होते जा रही है। 2017 में 3 सत्र मात्र 17 दिन के, 2018 में 3 सत्र मात्र 18 दिन के, 2019 3 सत्र मात्र 22 दिन केे और हद तो तब हो गई जब 2020 में मात्र 2 सत्र 6 दिन के हो पाये हैं।
विस की तरह यहां नोक झोंक भी हुई और खदेड़ा भी गया
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका जयेन्द्र रमोला ने निभाई। मुख्यमंत्री की भूमिका में राकेश नेगी, मदन कौशिक की भूमिका में अनिल भाष्कर ने विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर दिया। सत्र के दौरान विपक्ष के विधायक कई बार वैल में घुस आये जिन्हें मार्शलों की सहायता से जबरन सदन से बाहर खदेड़ा गया। कुल मिलाकर इस डमी विधानसभा का सत्र खठ्ठी-मिठठी नोेकझोंक के साथ हंगामेदार रहा।
अनोखे अंदाज का लब्बोलुआब
कांग्रेस मानती है कि उत्तराखण्ड राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा तक का सत्ता मद में चूर भाजपा सरकार के पास समय ही नही है। यहां 70 विधानसभायें हैं और नियम 58 के तहत अधिकतम 5 प्रश्न एक दिन में लग सकते हैं। जबकि विधानसभाएं कम नहीं पूरे सत्तर हैं। ऐसे में कुछ बोलने तक की स्थितियां नहीं हैं।
कांग्रेसी वक्ता बोले
प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, कोरोना संकट, लचर स्वास्थ्य एवं शिक्षा व्यवस्था, भ्रष्टाचार, जिला प्राधिकरण जैसे मसलों से जनता त्रस्त है। विधान सभाओं के जनमानस की दिक्कतें अलग से। जनता जन प्रतिनिधि का चुनाव करते वक्त यह अपेक्षा करती है कि वह अपनी विधानसभा की दिक्कतें सत्र के दौरान मुखर होकर विधानसभा के भीतर उठाये। ऐसे में मात्र तीन दिनों का सत्र जनता जनार्दन के साथ धोखा है।
15 से 20 तक सत्र चलना अनिवार्य
प्रदर्शन के दौरान वहाॅ एकत्र सभी कार्यकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि राज्य हित में प्रत्येक सत्र कम से कम 15 से 20 दिन संचालित किये जाॅय। वक्तआंे ने कहा कि जब सरकार विधानसभा सत्र चलाने को गम्भीर नही है जब मा0 विधायक विधानसभा मंे अपने क्षेत्रों की बात ना करना चाहते हों तो अच्छा होगा कि करोड़ों रूपये खर्च करके बनाये गये विधानभवन शादी-विवाह या अन्य समारोह हेतु किराये पर दिये जायें तथा विधानसभा सत्र होटल और रिजोर्ट में चलें जिससे जनता की गाढी कमाई बचाई जा सके। कांग्रेसजनांे द्वारा इस अनूठे प्रदर्शन ने जनता का भी खासा ध्यान आकर्षित किया।
प्रदर्शन में ये लोग रहे मौजूद
प्रदर्शन में भाग लेने वालों में मुख्यतः कांगे्रस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, राजपाल सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, विनित भट्ट बंटू, सोनू हसन, सुमित्तर भुल्लर, संग्राम पुण्डीर, जयेन्द्र रमोला, मोहित उनियाल, नवीन रमोला, पार्षद उर्मिला थापा, शान्ति रावत, गरिमा दसौनी, रोबिन त्यागी. सौरभ ममगांई. कुलदीप कुमार, अमरजीत सिंह, राकेश नेगी, विकास नेगी, अनिल भाषकर, सुलेमान अली, भूपेन्द्र नेगी, कविन्द्र इस्टवाल, मोहन काला, उदयवीर पुण्डीर, सुधीर शान्डिल्य, सुमित चौधरी, राजवीर चौहान, रवि बहादुर, हिमांशु बहुगुणा, पूर्व प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत सूरी पोखड़ से, प्रमोद बिष्ट और प्रकाश रावत चमोली से, सुखदेव रावत यमुनोत्री आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।