सिंगोरी न्यूजः यह सच है कि भगवान जिंदगी देता है और बचाता भी। लेकिन उन भगवानों का हम जिक्र कर रहे हैं जो अपनी जान को जोखिम में डाल कर दूसरे की जिंदगी बचाने का प्रयास कर रहे हैं। कहीं जीत रहे हैं तो कहीं हार भी जा रहे हैं ऐसे भगवानों को कोटिशः नमन। जी हां कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सा कर्मी सबसे बड़े योद्धाओं की भूमिका हैं। वह वाकई किसी भगवान से कम नहीं हैं। और एक लिहाज से देखा जाए तो वह भगवान से भी उपर हैं क्योंकि वह अपनी जिंदगी की बाजी लगाकर हमारी जान बचा रहे हैं। जिंदगी का खतरा मोल लेते हुए यह लोग कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पतालों में डटे हैं।
दुखद देखिए! इन लोगों को अपने परिवार से भी दूर रहना पड़ रहा है। और जो दोनों पति पत्नी स्वास्थ्य कर्मी हैं उन्हें बच्चों को अलग रहना पड़ रहा है।
हरेक डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी को बखूबी पता है कि वह इस मोर्चे पर सबबे आगे खड़ा है। यानी पहला हमला उसी पर होना है। बावजूद इसके उनके जोश में कोई कमी नहीं है। देश की बात करें तो अधिकांश जगहों से संसाधनों की कमी की भी शिकायतें आई हैं। पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट भी यहां पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में साफ है कि देश के स्वास्थ्य कर्मी किन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं।
जानकारों के मुताबिक वायरस ड्रॉपलेटों से फैलता है और अस्पतालों में भर्ती मरीजों के सबसे करीब डॉक्टर या नर्स ही रहते हैं। यानी उन्हें सबसे ज्यादा खतरा है लेकिन इसके बावजूद वह अपनी दायित्वों व जिम्मेदारियों के प्रति पूरी वफादारी से जुटे हैं। उनके हौसले कायम हैं। ब्रिटेन के उदाहरण सबके सामने हैं कि वहां कितने डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जानें गंवाई हैं। हमारे समाज की सुरक्षा के लिए जिंदगी का दांव लगा रहे स्वास्थ कर्मियों की निष्ठा को शत शत नमन!