फुवाणगांव में लोकतंत्र पर तंत्र का भद्दा मजाक

तमाम प्रयासों के बाद भी फुवांणगांव में इस बार प्रधान का चुनाव नहीं हो पायेगा। यहां तय आरक्षण के तहत कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पाने के चलतेयह स्थितियां बनी हैं। अब उप प्रधान का चुनाव कर उसे ही कार्यभार सौंपा जाएगा।
बता दें कि जनपद उत्तरकाशी की ग्राम पंचायत फुवांणगांव हाल में नई बनी है।यहां प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था। वर्तमान में गांव में अनुसूचित जाति का सिर्फ एक परिवार निवास करता है। परिवार के मुखिया एलम दास और उनकी पत्नी अनीता दोनों ही अनपढ़ हैं, जबकि उनके बच्चे मोहन, सोहन और शीतल नाबालिग हैं। ऐसे में दो माह पूर्व हुए पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान पद के लिए एक भी नामांकन नहीं होने के कारण चुनाव नहीं हो पाया। अब उप चुनव हो रहे हैं लेकिन आरक्षण पूर्ववत ही है। जिससे इस बार भी यहां ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाएगा। ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन प्रेषित कर आरक्षण में बदलाव की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि धरातल पर परीक्षण किए बगैर आरक्षण निर्धारित किए जाने से यह स्थिति बनी है।
सहायक विकास अधिकारी पंचायत राकेश शर्मा ने बताया कि चुनाव आयोग की गाइड लाइन के अनुसार अभी एक और उपचुनाव होने के बाद ही प्रधान पद के लिए तय आरक्षण में बदलाव किया जा सकता है। फिलहाल गांव में ग्राम प ंचायत सदस्यों का चुनाव कराया जा रहा है।

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