सिंगोरी न्यूजः कांग्रेसी नेता इन दिनों प्रदेश मंे बयानवीर की भूमिका में हैं। इस बेमतलब की वीरता को पार्टी के लिए जमीन पर काम करने वाला आम कार्यकर्ता किस नजर से देखता है, बयानवीरता के इस आचरण पर आम कार्यकर्ता के मन में क्या चल रहा है इस पर कांग्रेस प्रदेश सचिव राजपाल बिष्ट ने रोशनी डाली है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा है कि आजकल उत्तराखंड के समाचारों, अख़बारों एवं सोशल मीडिया में भी उत्तराखंड कांग्रेस और वरिष्ठ नेताओं के बयान सुर्ख़ियाँ बने हुये हैं। सबसे पहले कांग्रेस विधायक दल की नेता श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी का बयान जो उन्होंने भाजपा विधायक श्री राजेश शुक्ला जी के बारे में उनकी उधमसिंह नगर जिले के क्ड से विवाद के बाद प्रतिक्रिया के बाद दिया था।
श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी ने news-18 को एक बयान दिया था कि उन्होंने स्वयं राजेश शुक्ला जी से बात की है तथा उनसे आग्रह किया कि यदि वे भाजपा में घुटन महसूस कर रहे हों तो भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ जायें, उनका स्वागत है। और फिर उसके तुरंत बाद उत्तराखंड में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी ने भी बयान दिया कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गये पुराने कांग्रेसी नेता यदि माफी माँग लें तो उनकी वापसी पर विचार हो सकता है। इसके बाद तो जैसे नेताओं के बयानों की बाढ़ सी आ गयी। इंदिरा जी ने कहा सिर्फ हाईकमान ही वापसी का फैसला ले सकता है।प्रदेश में किसी के पास अधिकार नही है।हालाँकि 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी के ख़िलाफ चुनाव लड़ने वाले बागियों की वापसी में सबसे सक्रिय भूमिका इंदिरा जी सहित प्रदेश नेतृत्व की ही रही।
प्रदेश प्रभारी जी का बयान आया कि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह जी ने कहा कि राजनीति में सबके लिए दरवाजे खुले रहते हैं। और इन सबसे अलग बागी नेताओं विशेष तौर पर हरक सिंह रावत जी और सुबोध उनियाल जी ने तो उपरोक्त बयानों के जवाब में ना सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का भी अपमान कर डाला।
मात्र सुर्ख़ियों में बने रहने वाले वरिष्ठ नेताओं के लिए शायद कार्यकर्ताओं की भावनाओं के लिए भी कोई स्थान नही है। काश हमारे वरिष्ठ नेता जितना भरोसा भाजपा या कांग्रेस के बागियों पर जताते हैं उसका आधा भी कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं पर जता देते तो पार्टी आज इस स्थिति में नहीं होती। भाजपा या कांग्रेस के बागियों के प्रति आपका ये प्रेम पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का अपमान नही तो और क्या है। सबको अपनी सुविधा और महत्वकांक्षा की राजनीति करनी है।आप बड़े नेता भाजपा या बागियों के प्रति प्रेम जब भी जताते हैं, आपकी अंतरात्मा में एक बार भी उन समर्पित कार्यकर्ताओं का ख़याल नही आता जो वर्षों से चुनाव लड़ने का सपना देखते हुये जीवन बिता देते हैं। आखिर पार्टी के सामान्य कार्यकर्ताओं के सपनों को भी मारने का अधिकार आपको किसने दिया है ?