गौं की दशा या इनो बोला कि दुर्दशा पर गिरीश सुन्दरियाल की एक गढवल़ि ग़ज़ल….चौमासा मा तिसाला़ किलैछाला़ मन मा छाला किलैसैरा गौं को एकी सवालमोरूंद म्यारा ताला़ किलैबाइ बूती जौं बल़दूनवूंका गिच्चा म्वाला़ किलैचूड़ी बिन्दी फूंदी रूणीहर्ची गैनी म्याला़ किलैमेरा मुलुक बाघ रिखचिनखौं का जग्वाला़ किलै…
आसीस सुन्द्रयाल़ द्वारा इस दिन पोस्ट की गई शनिवार, 21 दिसंबर 2019