यदि थोड़ा भी जमीर बचा हुआ है तो शिक्षा व परिवहन विभाग के अधिकारियों व और उनके साथ ही इनकी देखरेख का जिम्मे संभाल रहे सियासत दां को भी चुल्लू भर पानी के अलावा कोई दूसरी जगह शायद ही दिखे। त्रिवेंद्र राज में भी गोरखधंधा चल रहा है। खबर है कि टिहरी जिले के जाखणीधार के जिस स्कूल बस ने दस बच्चों की जान ले ली वह बगैर मान्यता के ही संचालित हो रहा है। और अक्सर घटना के बाद जागने वाले हैड आफिस ने अब अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि विद्यालयों को मान्यता देते समय विभागीय नीति एवं निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाए। यदि प्रबंधन बिना मान्यता के स्कूल चलाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। यह निर्देश जारी कर एडी शिक्षा को भी जरा शर्म नहीं आ रही।
उन्होंने अब जनपदों के अंतर्गत विकासखंडवार अमान्यता वाले विद्यालयों की सूची तैयार कर इसकी रिपोर्ट भेजने को कहा है।
यह भी देखें कि यह विद्यालय कब से संचालित हो रहे हैं और इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षक प्रशिक्षित एवं योग्यताधारी हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों की भी सूची तैयार की जाए, जहां बच्चों के स्कूल जाने के लिए वाहन की व्यवस्था की गई है।
अधिकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन, वर्ष, ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन स्वामी का पता भी प्राप्त करें। वाहनों की सूची फिटनेस चैक करने के लिए संबंधित आरटीओ को भी उपलब्ध करा दें। अधिकारी निर्धारित सीट से ज्यादा बच्चों को ले जाने वाले वाहनों पर नजर रखें और इसकी शिकायत आरटीओ से करें।
साफ सी बात है कि स्कूल की मान्यता नहीं है यह विभाग के अधिकारियों को पता रहा होगा। और यदि नहीं पता रहा हो इसके भी मायने हैं कि विभाग में नींद लेने की तनख्वा ले रहे हैं।