देहरादून : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सी.एम. हरीश रावत ने कोविड की दूसरी लहर का मुकाबला करने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा। शनिवार को उन्होंने एक बयान जारी किया। कहा कि सरकार के मिस मैनेजमेंट से हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि बिना वैक्सीन के भाजपा सरकारें टीकाकरण उत्साह मनाती रही। रावत ने आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने में मिस मैंनेजमेंट हुआ, जिसका परिणाम पूरे देश ने भुगतना पड़ा।
पूर्व सीएम ने कहा, भाजपा की केंद्र सरकार ने सहयोग दिवस तो मनाया, लेकिन टीके के उत्पादन या उसके खरीद के रास्ते पर काम नहीं किया। देश के अंदर टीके की भयंकर कमी पैदा हो गई है। मगर, अब जो हम देख रहे हैं वो वैक्सीनेशन के नाम पर एक खुली लूट है। मौत के भय का दोहन किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में कोरोना टीका गायब है और बड़े-बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल्स में धड़ल्ले से टीकाकरण हो रहा है।
हरीश रावत ने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि इंसान की जान के एवज में टीके के दाम मनमाने तरीके से वसूले जा रहे हैं, इस मनमानी के तहत 1200 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक में टीकाकरण हो रहा है। आमजन के मन में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा घर कर गया है। लोग सपरिवार टीका लगाने पहुंच रहे हैं और दाम का इंतजाम जैसे-जैसे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस प्रकार आंखे बंद कर बैठी रही, तो आने वाले दिनों में ऐसा लगता है कि कोरोना के टीके की कीमत की लूट और बढ़ेगी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार की टीका नीति स्पष्ट नहीं है। इसकी मार गरीब जनता को झेलनी पड़ रही है। Media live