सिंगोरी न्यूजः शनिवार प्रातः तीन बजे का वक्त बताया जा रहा है जब उत्तराखंड की सांस्कृति विरासत लोकगायक हीरा सिंह राणा ने इस लौकिक जगत केा अलविदा कहा। वे 78 वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नी व एक पुत्र छोड़ गए हैं। वे 78 साल के थे। दिल का दौरा पड़ने को कारण बताया जा रहा है।
राणा के निधन की खबर से खासतौर पर पहाड़ के लोग व्यथित हैं।
हीरा सिंह राणा ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगो को जीवन के उतार-चढ़ाव के रास्तों से अवगत करा, उन्हे संघर्ष करने की सीख प्रदान की थी। साथ ही रास्ता भी सुझाया था, जिसे एक मिशाल के रूप मे ही याद नही किया जायेगा, बल्कि यह सब इस लोकगायक व रचयिता की प्रसिद्धि व खासियत के रूप मे चर्चा का विषय पीढी दर पीढ़ी बना रहेगा। श्रोताओं के मध्य इस मौलिक रचनाकार की रचना व बेमिशाल गायन विधा की कला को कोई नही भूल पायेगा। इस लोकगायक के गीतों व रचनाओं को सुन प्रवास मे लोगों को गांव की याद आ जाती थी, उन्हे अपनी जडों से मिलने का अवसर मिलता था। अब बस इस महान लोकगायक व कवि की यादे ही शेष रह गई है, जनमानस के बीच, जो याद रहेंगी दशकों तक। साभार