सिंगोरी न्यूजः तीन ग्राम सभाओं वाले कठूली गांव की सिंगोरी ग्राम पंचायत की नव निर्वाचित प्रधान सरोजनी देवी ने गांव की रामलीला का उद्घाटन करते हुए ईष्ट देवों से लेकर आम जन का आभार यह कहकर जताया कि उन्हें अपने ही गांव में रामलीला जैसे भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने का सौभाग्य हासिल हुआ है। जीत का आभार लाजमी है लेकिन यह जीत उसके लिए उसकी उस जीत के सामने बेहद मामूली है जो जंग उसने पंचायत चुनाव से कुछ महीनों पहले पूरी मजबूती के साथ लड़ी और अधिकतर को हरा देने वाली लड़ाई में विजेता भी बनी। हौसले ने हालात बदले तो मातृशक्ति का यह हौसला और साहस पूरे समाज में बड़ा उदाहरण है।
अभी साल भर से अधिक का भी समय नहीं हुआ होगा जब सरोजनी देवी के पति सुमन सिंह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रस्त हो गए। जिस बीमारी को लाइलाज कहा क्या शत प्रतिशत जानलेवा माना जाता है। तो पूरे परिजनों के पावंों के नीचे की जमीन सरकनी स्वाभाविक थी। पति संकट में हो तो सबसे अधिक परेशान जीवन संगनी ही होती है। परिवार की हैंड टु माउथ स्थिति और मुखिया को लाइलाज बीमारी। यानी हालातों के आगे हैंडसप
कहीं से भी कोई रास्ता नहीं। सिवाय इंतजार के। लेकिन कहते हैं हौसला हो तो पत्थरों से भी पानी निकल जाता है। इन खराब परिस्थितियांे में दोनों ने अपने साहस को बांधे रखा। और पूरी मजबूती के साथ वह जंग जीती जिसे जीतने वाले भाग्यशाली होते हैं।
जिंदगी की जंग जीतने के बाद सब कुछ पहले जैसे करना मुमकिन नहीं था। लेकिन यहां मजबूत हौसलों ने फिर अपना रंग दिखाया। खराब हालातों से पस्त हो चुके परिवार का आत्म विश्वास फिर से वापस लौटा। हाल के पंचायत चुनाव में सरोजनीे देवी पंचायत प्रधान का चुनाव लड़ा। और पूरी मजबूती के साथ लड़ा। और विजेता बनी।
रामलीला की तीसरी संध्या के उद्घाटन अवसर पर पंचायत प्रधान सरोनी देवी ने बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन के लिए माइक थामा और अपनी बात रखी तो हर उस इंसान को एक बड़ा संदेश के साथ भरोसा भी जगाया कि विपरीत परिस्थितियों में डर कर हार होती है जीत तो मजबूत हौसलों के बूते होती हैै।
कमजोर आत्मविश्वास के चलते जिंदगी को बेरंग हो जाती है। उन्होंने
उन्हें शुभचिंतकों के साथ ही गांव के कुल देवी देवताओं का शुक्रिंया अदा किया, और प्रभु राम के दरवार में पूरी श्रद्धा के साथ शीष झुकाकर पूरे गांव समाज की सुख समृद्धि का आशीर्वाद लिया। जाहिर तौर पंचायतों की राजनीति तो होती रही है, और आगे रहेगी भी। लेकिन सरोजनी देवी व सुमन सिंह का संघर्ष व हौसला हर समाज को खराब परिस्थितियों से टकराने का हौसला देता रहेगा।