कांग्रेस के सत्याग्रह से बढ़ती कैबिनेट मंत्री महाराज की मुश्किलें

सिंगोरी न्यूजः उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। अब कांग्रेस ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सत्याग्रह अंादोलन शुरू कर दिया है। ऐसे में साफ है कि आने वाले दिनों में महाराज की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पोखडा के अध्यक्ष अरुणोदय बिष्ट व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजपाल बिष्ट की अगुवाई में विकासखंड पोखड़ा समेत जनपद के अलावा दून में भी कई जगहों पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने अपने स्तर से सरकार के खिलाफ सत्याग्रह किया। कार्यकर्ताओं ने अपने घर में बैठकर सरकार की दोहरी नीति का विरोध किया। कहा कि सरकार के रसूखदार मंत्रियों की मनमर्जी से एक राज्य में दो कानून चल रहे हैं।

पौड़ी जनपद के पोखड़ा में सत्याग्रह करते कांग्रेसी कार्यकर्ता

आमजन पर कार्यवाही हो रही है और मंत्री खुलेआम मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसके विरोध स्वरूप सत्याग्रह कार्यक्रम चलाया गया। हर कार्यकर्ता ने सोई हुई सरकार को अपने घर में बैठकर जगाने का काम किया। कार्यक्रम विकासखंड स्तर से लेकर जिला स्तर राज्य स्तर एवं अपने दिल्ली आवास से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सहयोग किया तो जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा हुआ। पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत समेत कई लोगों ने इसमें शिकरत की। पौड़ी में आयोजित सत्याग्रह कार्यक्रम में महिला जिलाध्यक्ष कमला रावत, नगर अध्यक्ष, नीलम रावत,, एम एस रतूड़ी, रेखा भंडारी, युवा कांग्रेस जिलाउपाध्यक्ष आशीष नेगी, प्रदेश सचिव एनएसयूआई मोहित सिंह, अंकित सुंदरियाल, संजना, दीपक नौटियाल, पवन गौड़, सौम्या, आदि मौजूद रहे।

पौड़ी में सत्याग्रह करते कांग्रेसी पदाधिकारी व कार्यकर्ता


पीसीसी संदस्य नवल किशोर भी इन दिनों अपने गांव कठुड़ में है। वहां भी उनके साथ लोगों ने भी सत्याग्रह में प्रतिभाग किया। सत्याग्रह करने वालों ने बाकायदा हाथों मंे स्लोगन लिखी तख्ती लिए अपनी बात रखी। और बाकायदा सोशल मीडिया पर इसे शेयर भी किया। सत्याग्रह करने वालों का कहन है कि परिजनों के संक्रमित होने क बावजूद भी कबीना मंत्री सतपाल महाराज व उनके परिजनों ने लोगों से संपर्क कर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया है। ऐसा नहीं होना चाहिए। मांग यह है कि यदि सामान्य व्यक्ति कहीं ऐसा करता है तो उसके खिलाफ की जा रही है। लेकिन महाराज मंत्री हैं रसूक वाले हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाहीं नहीं की जा रही है। कांग्रेसियेां ने इसे दोगली नीति बताया ओर महाराज के खिलाफ भी कार्रवाई की मंाग अपने सत्याग्रह के जरिए की। कांग्रेसियों का कहना है कि यह अन्याय के खिलाफ लड़ाई है। इसमें सभी लोगों का सहयोग मिल रहा है। साफ है कि यह मांगे आने वाले दिनों में महारजा की परेशानियां बढ़ा सकती है।

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