सिंगोरी न्यूजः झील की गहराई और विशालता भले ही समुद्र के हिसाब से कहीं गिनती में ना आती हो, लेकिन दोनों की तासीर करीब करीब मिलती जुलती है। झील में भी पानी आकर जमा होता है और समुद्र में भी। ऐसा भी कहा जाता है कि स्वयं इस सृष्ठि की उत्पत्ति भी समुद्र से ही हो रखी है। इसके अलावा इस पृथ्वी को मिले वह रत्न जिनके बिना यहां संसार चलना मुश्किल सा है। झील की बात करें तो जहां भी कुदरत की या मानव निर्मित झीलें हैं वहां जीवन से लेकर उसकी रफ्तार की संभावनाएं अन्य जगहों से कहीं अधिक हैं। ऐसे में यदि गगवाड़स्यूं की घाटी भी झील आकार ले लेती है तो संभावनाओं को बढना लाजमी है।और उम्मीदों का भी।
जी हां बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वयं गगवाड़स्यूं घाटी पहुंच कर ल्वाली झील का शिलान्यास किया। इससे क्षेत्रीय विधायक मुकेश कोली का सीना चौड़ा होना निहायत ही लाजमी है क्योंकि चुनाव के समय उनके घोषणा पत्र में वाकई विकास की एक महायोजना ल्वाली झील भी शामिल है। जो धीरे धीरे अपने अस्तित्व को धरातल छू रही है। तभी तो स्वीकृति से ही विधायक झील के शिलान्यास को लेकर खासे उत्साहित भी रहे। मौका मुआयना के साथ तीस जून को सीएम टीएसआर और सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत गगवाड़स्यूं घाटी पंहुचे और पूजा अर्चना के साथ ही ल्वाली झील का शिलान्यास कर गए। और सबसे बड़ी बात यह कि योजना पूर्ण होने को समय भी बता गए। खबर है कि कि करीब सात करोड़ के आसपास इस परियोजना पर खर्च होंगे। ऐसे में बेहतरी की उम्मीद भी की जानी चाहिए। जानते हैं इस बारे में क्या कहते हैं स्थानीय निवासी। और स्वयं क्षेत्रीय विधायक मुकेश कोली।
गगवाड़स्यूं घाटी से सटा हुआ गांव पुण्डेरी। यहां के लोग भी झील को लेकर खासे उत्साहित दिखे। शंकाएं तो अपनी जगह रही लेकिन उम्मीदों के जोर के आगे टिक नहीं रही। पुण्डेरी निवासी अनिल रावत क्षेत्र में ही अपनी परचून की दुकान चलाते हैं। ग्रामीणों की अधिकांश जरूरतों का सामान इनके पास मिल जाता है। समाज हितों को भी यह अच्छी खासी तव्वजो देते हैं। अनिल कहते हैं कि गगवाड़स्यूं झील क्षेत्रवासियों का एक सपना था। शिलान्यास से उम्मीदें जग कई हैं। नई संभावनाओं से पूरे क्षेत्र की खुशी स्वाभाविक है। विधायक जी के अथक प्रयास सराहनीय रहे। इसके लिए सभी को बधाइयां हैं।
क्षेत्र के गांव निग्याणा निवासी पुष्कर सिंह नेगी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। रोजगार के लिए पहले नौकरी तलाशी होगी लेकिन अब समाज सेवा को ही मुख्य काम बना दिया है। पुष्कर के मुताबिक झील का अपना एक अलग महत्व है। कश्मीर से लेकर नैनीताल और देश विदेश में जहां भी झीलें हैं वहां की सभ्यता भी समृद्ध रही हैं। पानी के पानी से लेकर सिंचाई तक सुविधा कई नई संभावनाओं को जन्म देती हैं। रोजगार के अवसर पैदा होंगे तो समृद्धि आएगी। पलायन रूकेगा।
तमलाग निवासी डबल सिंह रावत ल्वाली में स्थित पोस्ट आफिस में कार्यरत हैं। वह भले ही सेवा रोजगार करते हैं लेकिन बेरोजगारों की बढ़ती कतारें और पलायन से खाली होते गांवों को लेकर उनकी चिंता भी है। वह कहते हैं कि गगवाड़स्यूं झील क्षेत्र में पलायन रोकने में हुत बड़ी भूमिका निभाएगी। क्षेत्र के साथ पौड़ी शहर और आसपास के क्षेत्रों को विकास होगा। लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। पूरे क्षेत्र का इसमें हित है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता हैं कमल रावत। क्षेत्रीय विधायक मुकेश कोली की कार्यशैली व सक्रियता से भी प्रभावित। और कई जगहों पर वह इस झील की दौड़ भाग में भी विधायक के साथ पूरी तनमयता के साथ दिखे । उनका कहना है कि ल्वाली झील विधायक जी का ड्र्ीम प्रोजेक्ट है। झील का ठहरा पानी और उस पानी में अठखेलियों को कतार में इंतजार करते पर्यटक ऐसे नजारे अब गगवाड़स्यूं में भी दिखेंगे।। हमें भी रोजगार के लिए अपना घर नहीं छोड़ना पड़ेगा।
ल्वाली झील मेरा ड्र्ीम प्रोजेक्ट है। परियोजना के शिलान्यास के साथ ही दो करोड़ रूपए रिलीज भी हो चुके हैं। काम गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ हो इसके लिए जबाबदेही पहले ही तय है। सपना साकार करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत समेत सभी सहयोगियों का तहे दिल से आभार। पौड़ी शहर के साथ साथ पूरे क्षेत्र के पर्यटन को नए आयाम मिलेंगे। सूखे खेत तर होंगे और गगवाड़स्यूं की मिट्टी सोना उगलेगी। युवाओं में रोजगार के लिए बाहर भटकने की परंपरा भी निश्चित रूप से खंडित होगी। पूरे क्षेत्र के विकास में यह परियोजना मील का पत्थर है। विकास की रफ्तार में आमूल चूल परिवर्तन देखने को मिलेंगें। क्षेत्रवासियों को बहुत बहुत बधाइयां।मुकेश कोली विधायक पौड़ी विधान सभा क्षेत्र