सिंगोरी न्यूजः कृषि ऋण वितरण में सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 600 करोड़ रूपए अतिरिक्त ऋण वितरण का लक्ष्य दिया है। खासतौर पर यह इजाफा कोरोना संक्रमण के कारण लौटे प्रवासियों को काम देने की मंशा से किया गया है। इसके लिए मंत्री ने बाकायदा अपने आवास पर सहकारिता के अधिकारियों की बैठक ली। कहा कि नाबार्ड से अतिरिक्त ऋण के लिए आवेदन करें। बैठक में सहकारिता के उच्च अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 1400 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश में लक्ष्य अनुरूप ऋण वितरण किया गया। सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि कोविड 19 के खतरों के चलते जिन लोगों का रोजगार छिन गया है उन्हंे ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। समिति यो का शीघ्र कंप्यूटरी करण कर कार्य प्रारंभ किया जाये। मंत्री डॉ रावत ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिला सहकारी बैंकों को एक एक मोबाइल वैन उपलब्ध कराई जायेगी।
क्या हैं सहकारिता के फसली ऋण
कृषको को धान, गेहूं, गन्ना, दाले, अदरक, सब्जियां, जड़ी बूटी आदि के उत्पादन हेतु, जिला स्तरीय कमेटी द्वारा निर्धारित … मध्यकालीन कृषि ऋण, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मौन पालन, मतस्य पालन, बागवानी आदि हेतु, परियोजना लागत के अनुसार। टैªक्टर ऋण, स्थानीय कृषको को टैªक्टर ट्राली एवं अन्य सम्बन्धित कृषि यन्त्रों को क्रय करने हेतु, दिया जाने वाला ऋण को फसली ऋण कहा जाता है। इससे कृषि से संबंधित कार्य के लिए लोन दिया जाता है।
एमडी दीपक कुमार बोले
राज्य सहकारी बैंक के एमडी दीपक कुमार ने सिंगोरी न्यूज से बातचीत मंे बताया कि पिछले वर्ष 1400 करोड़ रुपये फसली ऋण वितरित किए गए। इस बार हुई बैठक में इस लक्ष्य का बढ़ा कर 2000 करोड़ किया गया है। इस संबंध मंे नाबार्ड के अधिकारियों से भी वार्ता की गई है।