सिंगोरी न्यूजः मोटे तौर पर देखा जाए तो प्रदेश में उन नेपाली मजदूरों की तादाद लाखों में है जो यहां रोज मर्रा की धियाड़ी कर रोज अपनी आजीविका चलाते हैं। या फिर किसी ठेकेदार की योजनाओं मंे काम करते हैं। अब जिस तरह से हालात बिगड़ रहे हैं आने वाले दिनों में उनके सामने भी रोजी का संकट होगा और ठिकाने का भी।
अच्छे खासे समूह में रहने वाले नेपाली मजदूर यहां सोशल डिसटेंसिंग का कितना अनुपालन कर पायेंगे कहा नहीं जा सकता। स्वच्छता के लिहाज से भी देखा जाए तो नेपाली मजदूर अपनी हाड तोड़ मेहनत के लिए ज्यादा जाने जाते हैं। देखा यह भी गया है कि वह काम को पहले अहमियत देते हैं भोजन को बाद में। ऐसे में साफ सफाई की उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद भी नहीं की जा सकती। ये हालात आने वाले दिनों में परेशान करने वाले होंगे इतना तो तय मानकर चलो। एक आंकलन के मुताबिक प्रदेश में करीब पांच लाख से अधिक नेपाली मजदूर है जो लाॅकडाउन के हालातों से प्रभावित हो गया है। जिसे अब काम नहीं मिलेगा। और कुछ दिनों में डेरों पर भी वह ठीक से नहीं रह पायेंगे।
वहीं नेपाल की बात करें तो की सरकार ने भी 30 मार्च से अगले 08 दिन का पूरे नेपाल में लॉकडाउन का एलान किया गया। वहां भी पूर्व में 23 से 29 मार्च तक का लॉकडाउन किया गया था। इस लॉकडाउन में सभी झूला पुल भी बंद रहेंगे। नेपाल में लॉकडाउन से भारत में फंसे नेपाली मजदूरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह भारत के लिए भी परेशानी बन सकते हैं।